दारुल उलूम देवबंद ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की है। उसने इसे इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ बताया है। अन्य मुस्लिम संगठनों ने भी पहलगाम घटना की निन्दा की है।
दारुल उलूम देवबंद
तमाम प्रमुख मुस्लिम संस्थाओं और संगठनों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। देश के सबसे बड़े इस्लामी शिक्षण संस्थानों में से एक, दारुल उलूम देवबंद ने इस हमले को " अमानवीय" और इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ करार देते हुए आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। यह हमला 22 अप्रैल को पहलगाम घाटी में हुआ, जिसमें 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।
दारुल उलूम देवबंद के उप-कुलपति मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने कहा, "निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाना पूरी तरह अमानवीय है और यह इस्लाम की शिक्षाओं के सीधे खिलाफ है।" उन्होंने इस "कायरतापूर्ण कृत्य" को राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए खतरा बताया और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। नोमानी ने देशवासियों से एकजुट रहने और शांति बनाए रखने की भी अपील की।दारुल उलूम का बयान
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने भी हमले की निंदा करते हुए कहा, "निर्दोष लोगों को मारने वाले इंसान नहीं, बल्कि पशु हैं। इस्लाम में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है।" उन्होंने इस हमले को मानवता के खिलाफ अपराध करार दिया।
उत्तर प्रदेश में इस हमले के खिलाफ व्यापक आक्रोश देखा गया। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के छात्रों ने मारे गए लोगों की याद में एक कैंडल मार्च निकाला, जिसमें सभी समुदायों के लोग शामिल हुए। वहीं, मुजफ्फरनगर में स्थानीय निवासियों ने आतंकवाद के खिलाफ प्रदर्शन किया, जो सामुदायिक एकता का एक दुर्लभ उदाहरण बन गया। इन प्रदर्शनों में हिंदू, मुस्लिम और अन्य समुदायों के लोग एक साथ नजर आए।
आंदोलन स्थगितः ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने आतंकी हमले की निंदा की और पीड़ित परिवारों के साथ एकजुटता दिखाते हुए नए वक्फ कानून के खिलाफ अपने चल रहे विरोध कार्यक्रमों को तीन दिनों के लिए स्थगित कर दिया। बोर्ड ने कहा कि शोक संतप्त परिवारों के साथ एकजुटता के प्रतीक के रूप में, बोर्ड ने वक्फ अधिनियम में "विवादास्पद संशोधनों" के खिलाफ अपने अभियान को तीन दिनों के लिए स्थगित कर दिया है। एआईएमपीएलबी के तहत वक्फ की सुरक्षा के लिए मजलिस-ए-अमल के राष्ट्रीय संयोजक एसक्यूआर इलियास ने एक बयान में कहा कि पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला बेहद दुखद और कड़ी निंदा योग्य है।
मजलिस-ए-अमल के राष्ट्रीय संयोजक एसक्यूआर इलियास ने एक बयान में कहा कि पहलगाम में आतंकवादी हमला बेहद दुखद और निंदनीय है।
जमात-ए-इस्लामी हिंद (जेआईएच) के अध्यक्ष सैयद सदातुल्ला हुसैनी ने भी पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। जमात अध्यक्ष ने एक बयान में जानमाल के नुकसान पर गहरा दुख और आक्रोश व्यक्त किया और तत्काल न्याय की मांग की। उन्होंने कहा, "हम दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। विदेशी पर्यटकों सहित निर्दोष लोगों की जान जाना बेहद दुखद है। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ितों और उनके शोकाकुल परिवारों के साथ हैं। इस तरह के बर्बर कृत्य को उचित नहीं ठहराया जा सकता।" हुसैनी ने कहा कि यह पूरी तरह से अमानवीय है और इसकी पूरी तरह से निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
दारुल उलूम देवबंद और अन्य मुस्लिम संगठनों की निंदा से यह स्पष्ट है कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता सभी समुदायों में मौजूद है। यह हमला न केवल कश्मीर की शांति और पर्यटन के लिए खतरा है, बल्कि देश की एकता को मजबूत करने का अवसर भी देता है।