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ड्रोन हमलावरों को रक्षा मंत्री की चेतावनी- पाताल से भी ढूंढ निकालेंगे

अरब सागर में टैंकर पर ड्रोन हमले को लेकर युद्धपोत तैनात किए जाने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार ने मर्चेंट नेवी के जहाजों पर हाल के हमलों को बहुत गंभीरता से लिया है। उन्होंने हमलावरों को चेताया कि उन्हें समुद्र के पाताल से भी ढूंढ निकाला जाएगा और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रक्षा मंत्री स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस इम्फाल के जलावतरण के मौक़े पर बोल रहे थे।

राजनाथ सिंह का यह बयान उस संदर्भ में आया है जिसमें भारत आ रहे कम से कम दो टैंकरों को ड्रोन से निशाना बनाया गया। एक घटना शनिवार को गुजरात तट के पास हुई। एक विस्फोट हुआ था और जहाज पर आग लग गई थी। कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन आग से जहाज को कुछ नुकसान हुआ। चालक दल में 21 भारतीय शामिल थे। 

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एक घटना लाल सागर में भी हुई थी। भारत आ रहे एक कच्चे तेल के टैंकर पर लाल सागर में ड्रोन से हमला किया गया था। इसको लेकर अमेरिकी रिपोर्ट के बाद भारतीय नौसेना ने हमले की पुष्टि की। भारतीय नौसेना ने कहा कि 25 भारतीयों को लेकर जा रहा एक तेल टैंकर लाल सागर में यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा दागे गए ड्रोन की चपेट में आ गया। 

बहरहाल, राजनाथ सिंह ने कहा, 'भारत सरकार ने एमवी केम प्लूटो पर ड्रोन हमले और लाल सागर में एमवी साईबाबा पर हमले को गंभीरता से लिया है। हम उन लोगों को समुद्र के पाताल से भी ढूंढ निकालेंगे जिन्होंने हाल ही में व्यापारी नौसेना के जहाजों पर हमले को अंजाम दिया था और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।'

राजनाथ सिंह ने कहा कि हाल ही में व्यापारी नौसेना के जहाजों पर हुए हमलों के बाद भारत ने समुद्र में गश्त बढ़ा दी है।

4 युद्धपोत और टोही विमान लगाए

बता दें कि अरब सागर में वाणिज्यिक जहाजों पर बढ़ते हमलों के मद्देनजर भारतीय नौसेना ने वहां युद्धपोत आईएनएस मोर्मुगाओ, आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता को तैनात किया है। लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान पी8आई को भी लगाया गया है।

21 भारतीय चालक दल के सदस्यों के साथ एक वाणिज्यिक जहाज, एमवी केम प्लूटो, शनिवार को पोरबंदर से लगभग 217 समुद्री मील दूर ड्रोन हमले का शिकार हो गया था। इसके बाद भारतीय नौसेना और भारतीय तट रक्षक ने जहाज को सहायता देने के लिए तैनाती की।

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अमेरिका ने भारत के तट पर एक टैंकर को निशाना बनाकर किये गये ड्रोन हमले को 'ईरान से किया गया' हमला बताया था। पेंटागन ने खुले तौर पर तेहरान पर हमले का आरोप लगाया था। हालाँकि ईरान ने अमेरिका के इस दावे को खारिज कर दिया।

रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा, 'हम इन दावों को पूरी तरह से खारिज और बेकार घोषित करते हैं। इस तरह के दावों का उद्देश्य गजा में इज़राइल के अपराधों को उजागर करने से रोकने, जनता का ध्यान भटकाने और अमेरिकी सरकार के पूर्ण समर्थन पर पर्दा डालने के लिए है।'

इसी बीच दक्षिणी लाल सागर में 25 भारतीय चालक दल के सदस्यों के साथ गैबॉन-ध्वज वाले कच्चे तेल टैंकर को कथित तौर पर एक ड्रोन द्वारा हमला किया गया था। बाद में भारतीय अधिकारियों ने साफ़ किया कि वाणिज्यिक टैंकर भारतीय ध्वज वाला जहाज नहीं था।

नौसेना के अधिकारियों ने कहा कि टैंकर, एमवी साईबाबा, गैबॉन के स्वामित्व वाला है और भारतीय ध्वज वाला जहाज नहीं है। अमेरिकी सेना ने पहले कहा था कि भारत जा रहा भारतीय झंडे वाला एक कच्चे तेल का टैंकर लाल सागर में यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा दागे गए एक हमलावर ड्रोन की चपेट में आ गया। 

यह साफ़ नहीं है कि हमले के पीछे कौन या क्या था। किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन ये घटनाएँ इजराइल-हमास युद्ध के बीच अक्टूबर के बाद से लाल सागर क्षेत्र में वाणिज्यिक जहाजों, विशेष रूप से इज़राइल की ओर जाने वाले जहाजों पर यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा यूएवी और मिसाइल हमलों की एक श्रृंखला के बीच हुई।

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क़मर वहीद नक़वी
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