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फ़ोटो साभार: ट्विटर/दिशा रवि

दिशा रवि ने 26 जनवरी हिंसा से पहले ज़ूम मीटिंग की थी: पुलिस

दिशा रवि को विपक्षी नेताओं और पर्यावरण कार्यकर्ताओं से मिल रहे समर्थन के बीच पुलिस ने आज प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कई और आरोप लगाए। इसने कहा है कि टूलकिट मामले में गिरफ़्तार दिशा रवि ने दो अन्य कार्यकर्ताओं के साथ गणतंत्र दिवस हिंसा से पहले ज़ूम मीटिंग की थी। पर्यावरण के मुद्दों पर काम करने वाली बेंगलुरू की दिशा की गिरफ़्तारी किसान आंदालन से जुड़े उस टूलकिट मामले में हुई है जिसे पर्यावरण पर काम करने वाली स्वीडन की ग्रेटा तनबर्ग (थमबर्ग) ने शेयर किया था। 

दिशा रवि की गिरफ़्तारी के बाद दिल्ली पुलिस दिशा के दो सहयोगियों की तलाश में है। पुलिस ने सोमवार को इन दोनों के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी कर दिया है। दिशा के अलावा जो दो अन्य एक्टिविस्ट हैं उनका नाम निकिता जैकब और शांतनु हैं। इन दोनों के ख़िलाफ़ दर्ज केस में उन पर ग़ैर जमानती धाराएँ लगाई गई हैं। 26 जनवरी को हिंसा से पहले ज़ूम मीटिंग में भी इन्हीं के नाम हैं। 

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एक रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने बताया कि कनाडा की रहने वाली महिला पुनीत ने निकिता जैकब, दिशा रवि और शांतनु को पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के संपर्क में लाया था। उन्होंने 11 जनवरी को ज़ूम मीटिंग की थी।

पुलिस ने कहा कि दिशा रवि के ख़िलाफ़ सबूत उनके सेलफ़ोन डेटा से पाए गए थे। इसी के आधार पर पुलिस ने यह दावा किया कि दिशा, निकिता जैकब और शांतनु मुलुक ने टूलकिट बनाया था और इसे संपादन के लिए दूसरों के साथ साझा किया था। पुलिस ने बताया कि शांतनु मुलुक का ईमेल अकाउंट टूलकिट गूगल डॉक को बनाने वाला है।

उन आरोपों पर कि दीशा रवि को उसके माता-पिता की जानकारी के बिना गिरफ्तार कर लिया गया और दिल्ली ले जाया गया, पुलिस ने कहा कि 'सभी दिशानिर्देशों का पालन किया गया'। एक अधिकारी ने कहा कि दिशा को उनकी माँ, स्थानीय थानाधिकारी और एक महिला पुलिस अधिकारी की मौजूदगी में गिरफ़्तार किया गया था।

पुलिस की सफ़ाई इसलिए आई है कि दिशा रवि की लीगल टीम ने आरोप लगाया था कि उनके वकील भी इस बात को नहीं जानते कि उन्हें किस अदालत में पेश किया गया और दिशा ने ख़ुद ही अपनी पैरवी की। 

इसे लेकर भी सवाल उठाए गए कि क्या बेंगलुरू के माउंट कार्मेल कॉलेज की छात्रा दिशा को दिल्ली से बेंगलुरू लाते समय नियमों का पालन किया गया।

बता दें कि इससे पहले सूत्रों के हवाले से मीडिया में ख़बर आई कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने 11 फ़रवरी को निकिता जैकब की खोज में उनके घर पहुँची थी। पुलिस के मुताबिक़, निकिता ने कहा था कि वह जाँच में शामिल होंगी लेकिन वह अंडरग्राउंड हो गयीं। निकिता ने पुलिस की कार्रवाई से राहत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। हाई कोर्ट इस पर मंगलवार को सुनवाई करेगा। 

पुलिस का दावा है कि ग्रेटा तनबर्ग (थनबर्ग) ने जिस टूलकिट को शेयर किया था, उसके पीछे पोएटिक जस्टिस फ़ाउंडेशन का हाथ है। इस संगठन ने निकिता जैकब से भी संपर्क किया था कि वह गणतंत्र दिवस के दिन हुई किसानों की रैली से पहले ट्वीट करें। पुलिस का कहना है कि पोएटिक जस्टिस फ़ाउंडेशन खालिस्तानी अलगाववादी संगठन है। 

delhi police alleges dish ravi and others had zoom meeting before republic day violence  - Satya Hindi

दिशा रवि को शनिवार को गिरफ़्तार किया गया था, इसके बाद उन्हें दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया और पाँच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। दिशा पर आरोप है कि उसने इस टूलकिट को तैयार करने और इसे सोशल मीडिया पर आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। दिशा पर राजद्रोह, आपराधिक साज़िश रचने सहित कई गंभीर मुक़दमे दर्ज किए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि दिशा ने एक वॉट्सऐप ग्रुप भी बनाया था और इस टूलकिट को बनाने में सहयोग किया था।

दिशा रवि की गिरफ़्तारी के बाद विपक्षी नेताओं ने सरकार की आलोचना की है। उनके साथ ही पर्यावरण के लिए काम करने वाले लोग और नागरिक संगठनों से जुड़े लोग भी दिशा के समर्थन में आ गए हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा- “बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे बोल कि सच ज़िंदा है अब तक! वो डरे हैं, देश नहीं!” कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा, “डरते हैं बंदूकों वाले एक निहत्थी लड़की से, फैले हैं हिम्मत के उजाले एक निहत्थी लड़की से।”

delhi police alleges dish ravi and others had zoom meeting before republic day violence  - Satya Hindi
इस मामले में दिशा रवि ने भी अदालत को बताया कि उन्होंने इस टूलकिट को नहीं बनाया है और वह सिर्फ़ किसानों का समर्थन करना चाहती हैं। दिशा के मुताबिक़, 3 फ़रवरी को उन्होंने इस टूलकिट की दो लाइनों को एडिट किया था। 3 फ़रवरी को ग्रेटा तनबर्ग ने किसानों के समर्थन में एक टूलकिट को शेयर किया था। लेकिन बाद में उन्होंने इसे डिलीट कर अपडेटेड टूलकिट को ट्वीट किया था।
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क़मर वहीद नक़वी
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