दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार 18 सितंबर को सिविल अदालत द्वारा 6 सितंबर को अडानी पर कंटेंट के संबंध में पारित एकपक्षीय आदेश को रद्द कर दिया। उस आदेश में अडानी समूह के बारे में 'अपमानजनक' कंटेंट के प्रकाशन पर रोक लगा दी गई थी। रोहिणी कोर्ट के जिला जज आशीष अग्रवाल ने चार पत्रकारों रवि नायर, अबीर दासगुप्ता, आयुषकांत दास और आयुष जोशी की अपील पर यह आदेश पारित किया। जज ने कहा कि ये लेख लंबे समय से सार्वजनिक डोमेन में थे और इसलिए, सिविल जज को उनके लेख हटाने का निर्देश देने से पहले पत्रकारों का पक्ष सुनना चाहिए था। लेकिन रोहिणी कोर्ट की दूसरी अदालत ने अडानी कंटेंट के मामले में प्रजंय गुहा ठाकुरता आदि के मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया।