डीजीसीए द्वारा 5% उड़ानें कम करने के आदेश के बाद अब नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने और ज़्यादा कटौती करने को कहा है। क्या इससे उड़ान सेवाओं में सुधार होगा?
राम मोहन नायडू किंजरापु इंडिगो अधिकारियों से मिले
देशभर के हवाई अड्डों पर हुई अफरा-तफरी के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को अपने संचालन में 10% की कटौती करने का आदेश दिया है। यह आदेश नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू, एमओसीए सचिव समीर सिन्हा और इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स के बीच हुई बैठक के बाद जारी किया गया। एयरलाइन की उड़ानें रद्द होने से रोकने के उपाय के तहत यह फ़ैसला लिया गया है। इससे पहले डीजीसीए ने इंडिगो को 5% उड़ानें कम करने के आदेश दिया था।
सरकार के ताज़ा आदेश के बाद इंडिगो ने कहा कि वह नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा अनिवार्य 10% संचालन कटौती का पालन करते हुए सभी अपने गंतव्यों की सेवा जारी रखेगा। एक्स पर यही पुष्टि करते हुए नायडू ने लिखा कि इंडिगो पहले की तरह ही रूटों पर संचालन जारी रखेगा, लेकिन 10% की कटौती के साथ। उन्होंने कहा, 'आज फिर इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को मंत्रालय में अपडेट देने के लिए बुलाया गया। उन्होंने पुष्टि की कि 6 दिसंबर तक प्रभावित उड़ानों के लिए 100% रिफंड पूरे हो चुके हैं... मंत्रालय को इंडिगो के समग्र रूटों में कटौती करना ज़रूरी मानता है, जो एयरलाइन के संचालन को स्थिर करने में मदद करेगा और रद्दीकरणों को कम करेगा।'
इससे पहले डीजीसीए यानी डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने एयरलाइन इंडिगो को अपनी उड़ानों को 5 प्रतिशत की कटौती करने का आदेश दिया था। एयरलाइन को यह निर्देश दिया गया कि कटौती वाले रूट्स पर कुल हवाई कनेक्टिविटी पर ज़्यादा प्रभाव न पड़े। इन कटौती वाले स्लॉट्स को अन्य एयरलाइंस को ऑफर किया जा सकता है, यदि उनके पास अतिरिक्त क्षमता उपलब्ध हो।
इंडिगो को बुधवार यानी 10 दिसंबर को शाम 5 बजे तक संशोधित और छोटी की गई सूची जमा करने का निर्देश दिया गया। कुछ रिपोर्टों में यह भी संभावना जताई गई है कि इंडिगो की उड़ानों में आगे और रेशनलाइजेशन हो सकता है और यह एयरलाइन की दैनिक उड़ान संचालन पर निर्भर करेगा।
इंडिगो का बाजार पर एकाधिकार!
इंडिगो भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन है, जिसका घरेलू बाजार हिस्सा लगभग 65 प्रतिशत है। एयरलाइन की दैनिक उड़ानें 2300 से अधिक हैं, जिनमें से लगभग 2,150 घरेलू उड़ानें हैं। 26 अक्टूबर से प्रभावी हुई इस साल की विंटर अनुसूची में इंडिगो की साप्ताहिक घरेलू उड़ानें 15014 तक बढ़ गईं, जो ग्रीष्मकालीन अनुसूची की 14158 उड़ानों से अधिक हैं।
हालाँकि, इंडिगो को क्रू की कमी का सामना करना पड़ा, मुख्य रूप से नए क्रू रेस्ट और ड्यूटी नॉर्म्स के दूसरे चरण की अपर्याप्त तैयारी के कारण। ये नये नियम 1 नवंबर से लागू हुए। इससे एयरलाइन के संचालन में काफ़ी व्यवधान हुआ, जिसके परिणामस्वरूप पिछले सप्ताह के मध्य से रोजाना सैकड़ों उड़ानें रद्द हो रही हैं। इंडिगो के इस ताज़ा व्यवधान ने भारत के उड्डयन इकोसिस्टम को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिसके लिए पायलट एसोसिएशनों और उड्डयन विशेषज्ञों ने डीजीसीए के पहले इंडिगो के विंटर शेड्यूल में उड़ानों की वृद्धि की अनुमति देने के फ़ैसले की कड़ी आलोचना की है।
नए एफ़डीटीएल नियम और उनका असर
नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन यानी एफ़डीटीएल नियम पायलटों के लिए अधिक आराम और उनकी उड़ान ड्यूटी में रेशनलाइजेशन का प्रावधान करते हैं, ताकि पायलट थकान को बेहतर ढंग से प्रबंधित किया जा सके। यह उड्डयन सुरक्षा के लिए एक प्रमुख जोखिम है। ये नए नियम जनवरी 2024 में निर्धारित किए गए थे, लेकिन उनके कार्यान्वयन में देरी हुई और वे दो चरणों में 1 जुलाई और 1 नवंबर से लागू हुए। दूसरे चरण के रोलआउट ने इंडिगो को काफी प्रभावित किया। नए नियमों के अनुसार, एयरलाइंस को या तो अपने शेड्यूल को बनाए रखने के लिए अधिक पायलटों की ज़रूरत होती है या शेड्यूल को नयी ज़रूरतों के हिसाब से छोटा करना पड़ता है।
1 नवंबर से दूसरे चरण के लागू होने के साथ इंडिगो ने पूरे नवंबर में सामान्य से अधिक रद्दीकरण और उड़ान देरी का सामना किया। जैसे-जैसे देरी बढ़ती गई, व्यवधान पिछले कुछ दिनों में बढ़ते गए। डीजीसीए के अनुसार, इंडिगो ने नियामक को बताया कि नवंबर में 1232 उड़ानें रद्द हुईं, जिनमें से 755 क्रू और एफ़डीटीएल से जुड़ी बाधाओं के कारण थीं।बाधा आने की मुख्य वजह
इस व्यवधान का प्राथमिक कारण नए एफ़डीटीएल नियमों के बाद क्रू की कमी है, जिसके लिए इंडिगो ने ठीक से योजना नहीं बनाई। डीजीसीए के अनुसार, इंडिगो ने बताया कि बाधा मुख्य रूप से नए एफ़डीटीएल नियमों के दूसरे चरण को लागू करने में गलत आकलन और योजना की कमी से आई और एयरलाइन ने माना कि नए नियमों के लिए वास्तविक क्रू की ज़रूरत उसकी अपेक्षा से अधिक थी।
इंडिगो पर बड़े पैमाने पर व्यवधान ने पूरे देश में वाणिज्यिक उड़ान संचालन को पटरी से उतार दिया। व्यवधान की गंभीरता को देखते हुए डीजीसीए ने शुक्रवार को इंडिगो को उसके एयरबस A320 पायलटों के लिए नए एफ़डीटीएल नियमों में कुछ राहत के रूप में एक-बार की छूट दी। यह अस्थायी रोलबैक 10 फरवरी तक प्रभावी रहेगा, इंडिगो को अपनी व्यवस्था सुधारने और संचालन को स्थिर करने में मदद करेगा। डीजीसीए ने इंडिगो को कुछ अन्य अस्थायी छूट भी दी हैं।सरकार और नियामक ने इंडिगो पर दबाव बढ़ा दिया है, जिसमें डीजीसीए पैनल द्वारा इन बाधाओं की जाँच शुरू की गई है। नियामक ने एयरलाइन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीटर एल्बर्स और मुख्य संचालन अधिकारी इसिड्रे पोरक्वेरास को शो-कॉज नोटिस जारी किया है।
नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने व्यवधान के लिए इंडिगो की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि एक मिसाल कायम की जा सके। उन्होंने कहा कि डीजीसीए ने सभी एयरलाइंस को नए एफ़डीटीएल नियमों के कार्यान्वयन के लिए पर्याप्त नोटिस दिया था।
इंडिगो का जवाब
डीजीसीए द्वारा जारी शो-कॉज नोटिसों के जवाब में इंडिगो ने कहा है कि संचालन की जटिलता और विशाल पैमाने के कारण इस चरण में व्यवधान के सटीक कारण या कारणों को इंगित करना वास्तविक रूप से संभव नहीं है, और एक व्यापक रूट कॉज एनालिसिस किया जा रहा है।
इंडिगो को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं: मंत्री
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि इस संकट के लिए इंडिगो को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'कोई भी एयरलाइन, चाहे वह कितनी भी बड़ी क्यों न हो, यात्रियों को इस तरह की परेशान करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। सिविल एविएशन में सुरक्षा से बिल्कुल भी समझौता नहीं किया जाएगा।' मंत्री ने सदन को बताया कि इंडिगो का परिचालन अब सामान्य हो रहा है और एयरपोर्ट पर भीड़ या परेशानी की कोई शिकायत नहीं आ रही। मंत्रालय रिफंड, सामान ट्रेसिंग और यात्री सहायता पर लगातार निगरानी रख रहा है।मंत्री ने कहा, 'नई फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियम वैज्ञानिक आधार पर बनाए गए हैं ताकि पायलट थकान से बचा जा सके। इनका चरणबद्ध क्रियान्वयन हो रहा है- पहला चरण 1 जुलाई 2025 से, दूसरा 1 नवंबर 2025 से। इंडिगो ने खुद इन नियमों का पूरी तरह पालन करने और विंटर शेड्यूल संभालने की लिखित गारंटी दी थी। फिर भी आंतरिक रोस्टरिंग में गड़बड़ी के कारण बड़े पैमाने पर फ्लाइट्स रद्द हुईं और यात्रियों को भारी असुविधा हुई।'
यात्रियों के हित सबसे ऊपर
सरकार ने हस्तक्षेप कर किराए पर कैप लगाई ताकि अचानक मांग बढ़ने पर कोई यात्री लूट का शिकार न हो। इंडिगो को तुरंत रिफंड देने का आदेश दिया गया। कंपनी ने अब तक 750 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि यात्रियों को लौटा दी है।
डुओपॉली खत्म करने की दिशा में कदम
मंत्री ने कहा, 'हम एक मजबूत और अधिक प्रतिस्पर्धी एविएशन इकोसिस्टम बनाना चाहते हैं। नई एयरलाइंस को बढ़ावा दे रहे हैं, एयरपोर्ट क्षमता तक निष्पक्ष पहुंच सुनिश्चित कर रहे हैं। किसी भी तरह की डुओपॉली को कनेक्टिविटी और किराया नियंत्रित करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। ज्यादा एयरलाइंस मतलब यात्रियों को ज्यादा विकल्प, कम किराया और ज्यादा भरोसा।'