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नेपाल में भूकंप से भारी तबाही हुई है।

भूकंप से नेपाल में भारी तबाही, 140 मौतें, भारत में भी लोग दहले

नेपाल में भूकंप से मरने वालों की तादाद शनिवार 4 नवंबर को 140 पहुंच गई। घायलों की तादाद फिलहाल 150 बताई गई है। शुक्रवार आधी रात से ठीक पहले पश्चिमी नेपाल में आए 6.4 तीव्रता के जोरदार भूकंप के बाद शनिवार सुबह से तबाही की खबरें आने लगीं। पहाड़ी गांवों में बचाव अभियान जारी है और दर्जनों लोग घायल पाए गए हैं। अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी एपी को बताया कि कई जगहों से कम्युनिकेशन कट गया है। नेपाल सेना और नेपाल पुलिस दोनों के जवानों को बचाव कार्य में लगाया गया है। भूकंप और उसके झटकों के कारण हुए भूस्खलन से बचावकर्मियों के लिए कुछ रास्ते बंद हो गए हैं।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 दर्ज की गई और भूकंप का केंद्र नेपाल में 10 किमी की गहराई पर था।

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एनसीएस ने कहा कि भूकंप, जो नेपाल के पश्चिमी मंदिर शहर जुमला के पास केंद्रित था, रात करीब 11:32 बजे आया। नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र ने कहा कि इसका केंद्र जाजरकोट में था, जो नेपाल की राजधानी काठमांडू से लगभग 250 मील उत्तर पूर्व में है।

प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल 'प्रचंड' शनिवार सुबह मेडिकल टीम के साथ घटना स्थल की ओर रवाना हुए। उन्होंने ट्विटर पर भूकंप से हुए नुकसान पर दुख व्यक्त किया। ट्विटर पर कहा प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहल "प्रचंड" ने शुक्रवार रात 11:47 बजे जाजरकोट के रामीडांडा में आए भूकंप से हुई मानवीय और संपत्ति के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त किया है और तत्काल बचाव और राहत के लिए सभी 3 सुरक्षा एजेंसियों को तैनात किया है। भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने भी नेपाल में भूकंप में मरने वालों के प्रति अफसोस जताया है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत इस दुख की घड़ी में नेपाल के साथ है।

पिछले एक महीने में नेपाल में 6 से अधिक तीव्रता वाला यह दूसरा भूकंप था। 2 अक्टूबर को नेपाल में 6.2 तीव्रता का भूकंप आया था। नेपाल में अक्सर भूकंप आ रहे हैं और ये भारी तबाही वाले होते हैं। हिमालय क्षेत्र में भूुकंप आने की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
नेपाल में आए भूकंप के बाद शुक्रवार देर रात दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत उत्तरी भारत में लोग डर के मारे अपने-अपने घर छोड़कर बाहर निकल आए। एक मिनट से अधिक समय तक आए झटके के कारण ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग सड़कों पर आ गए।

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शुक्रवार का भूकंप दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र को हिला देने वाले भूकंपों की श्रृंखला में सबसे हालिया भूकंप था। भूकंप के झटके लखनऊ, बरेली, शाहजहांपुर, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गांव और बिहार में पटना, कटिहार, मोतिहारी और भारत-नेपाल सीमा से लगे बिहार के कई अन्य जिलों में भी महसूस किए गए।

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क़मर वहीद नक़वी
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