चुनाव आयोग मतदाता पहचान कार्ड नंबर विवाद में फँस गया है। एक से अधिक लोगों की वोटर आईडी कार्ड यानी ईपीआईसी संख्या एक ही होने के आरोपों पर चुनाव आयोग की सफ़ाई के बाद और गंभीर सवाल उठने लगे हैं। पार्टी ने दावा किया है कि चुनाव आयोग मतदाता सूची में धोखाधड़ी को छुपाने की कोशिश कर रहा है। टीएमसी ने चुनाव आयोग द्वारा दी गई सफ़ाई को चुनाव आयोग की ही गाइडलाइंस के आधार पर 'फ्रॉड' बता दिया है।
टीएमसी ने EPIC विवाद पर खोले चौंकाने वाले राज़! ECI फँसा?
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- 5 Mar, 2025
टीएमसी ने चुनाव आयोग पर नए गंभीर आरोप लगाए हैं। मतदाता पहचान संख्या यानी EPIC विवाद को लेकर घमासान बढ़ा। क्या चुनाव आयोग की साख दांव पर है? जानें पूरी रिपोर्ट।

टीएमसी ने मंगलवार को किस तरह के आरोप लगाए हैं, यह जानने से पहले यह जान लें कि यह विवाद क्या है। ममता बनर्जी ने 27 फ़रवरी को आरोप लगाया था कि कई मतदाताओं के पास एक ही ईपीआईसी संख्या है। इस पर चुनाव आयोग ने एक बयान जारी कर कहा कि ईपीआईसी संख्या में दोहराव का मतलब डुप्लिकेट या नकली मतदाता नहीं है। इसने कहा था कि 'मैनुअल त्रुटि' से दो राज्यों के मतदाताओं की ईपीआईसी संख्या एक हो गई। इसके बाद ही टीएमसी ने सोमवार को चेतावनी दी थी कि यदि चुनाव आयोग 24 घंटे में गड़बड़ी को मानकर नहीं सुधारता है तो टीएमसी ऐसी ही गड़बड़ियों के और दस्तावेज मंगलवार को जारी करेगी। बहरहाल, टीएमसी ने मंगलवार को कहा है कि 'चुनाव आयोग की झूठी सफ़ाई' उनके अपने नियमों के ख़िलाफ़ है।