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आबकारी नीति मामले में ईडी ने बनाया AAP को आरोपी

आख़िरकार आम आदमी पार्टी को आरोपी बना दिया गया। ईडी ने ताज़ा चार्जशीट में आम आदमी पार्टी यानी AAP को आरोपी के रूप में नाम शामिल कर दिया। यह पहली बार है कि किसी राजनीतिक पार्टी को अरोपी बनाया गया है। पार्टी को पिछले साल ही राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला है।

आबकारी नीति मामले में ईडी ने शुक्रवार को राउज एवेन्यू अदालत में एक पूरक आरोप पत्र दायर किया है। इसमें आप और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल का नाम लिया गया है। केजरीवाल फिलहाल अंतरिम जमानत पर बाहर हैं। एजेंसी कथित घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच कर रही है।

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केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को सिविल लाइंस स्थित उनके आधिकारिक आवास से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी से पहले केजरीवाल को ईडी ने कुल नौ समन जारी किए थे, जिन्हें उन्होंने नजरअंदाज कर दिया था। फिलहाल वह लोकसभा चुनाव के लिए 1 जून तक अंतरिम जमानत पर बाहर हैं।

कुल मिलाकर यह इस मामले में ईडी द्वारा दायर की गई आठवीं चार्जशीट है जिसमें उसने अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। पिछले हफ्ते एजेंसी ने बीआरएस नेता और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता और चार अन्य के खिलाफ इसी तरह की शिकायत दर्ज की थी।

आप को आरोपी बनाने को लेकर ईडी ने चार दिन पहले ही मंगलवार को संकेत दे दिए थे। इसने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा था कि आप को आरोपी के रूप में नामित किया जाना तय है। इसने कहा था कि अगले आरोपपत्र में आप के नाम को जोड़ा जाएगा। तब अदालत आप नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए जाँच एजेंसी ने कहा कि सुनवाई में देरी करने के लिए आरोपियों द्वारा काफी मेहनत की जा रही है। 

ईडी अधिकारियों ने कहा था कि आप को आरोपी पार्टी के रूप में नामित करना एक अभूतपूर्व कदम है, लेकिन इसके साथ ही उनके पास इसके समर्थन में ठोस कानूनी सलाह है।

अब आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया गया है तो पार्टी की संपत्ति जब्त की जा सकती है, बैंक खाते फ्रीज किए जा सकते हैं और इस तरह पार्टी को ख़त्म किया जा सकता है। तो क्या आप के लिए अब आगे का वक़्त कुछ इसी तरह का होने वाला है?

बहरहाल, इस आप को आरोपी बनाने का सवाल अदालत में भी उठा था। पिछले साल अक्टूबर में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने पूछा था कि यदि पीएमएलए के तहत शराब नीति से एक राजनीति पार्टी को फायदा पहुंचा, तो फिर वो पार्टी इस केस में शामिल क्यों नहीं?
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अदालत ने पूछा था कि इस मामले में वह आरोपी या पक्षकार क्यों नहीं है?  सुनवाई के दौरान पीठ ने एक और सवाल पूछा था कि क्या कैबिनेट नोट को कोर्ट ऑफ लॉ में लाया जा सकता है? क्योंकि इसे भी संसदीय कार्रवाई की तरह इम्यूनिटी है।' बाद में 16 अक्टूबर को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने जस्टिस संजीव खन्ना और एसवी भट्टी की पीठ के सामने कहा था कि ईडी धारा 70 का इस्तेमाल करते हुए आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाने पर विचार कर रही है। लेकिन इसने इसके लिए पहले और जाँच करने की बात कही थी।

ईडी ने आरोप लगाया था कि आप दिल्ली शराब घोटाले में उत्पन्न अपराध की आय का एक प्रमुख लाभार्थी है, आप ने केजरीवाल के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया है और इस तरह अपराध धारा 70, पीएमएलए के अंतर्गत आते हैं। 

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क़मर वहीद नक़वी
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