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पीएम मोदी को 'पनौती', 'जेबकतरा' बोलने पर चुनाव आयोग की राहुल को चेतावनी

चुनाव आयोग (ईसीआई) ने बुधवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को प्रधानमंत्री सहित तमाम नेताओं पर अपनी टिप्पणियों में भविष्य में अधिक सावधान और सतर्क रहने की सलाह जारी की। यह चेतावनी लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले आई है।

चुनाव आयोग ने कहा कि यह सलाह दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश और राहुल गांधी के जवाब सहित प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ टिप्पणियों से संबंधित मामले में सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद आई है। आयोग ने राहुल गांधी को सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करते समय सभी दलों, स्टार प्रचारकों और उम्मीदवारों को आयोग की सलाह पर ध्यान देने को कहा है।

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दिल्ली हाईकोर्ट ने 21 दिसंबर को कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 22 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने भाषण में उन्हें 'जेबकतरा' और 'पनौती' कहा था, वो अच्छे अर्थों में नहीं था। कोर्ट ने चुनाव आयोग को 8 हफ्ते के भीतर इस मामले पर फैसला करने का निर्देश दिया था। वायनाड के सांसद को नवंबर में चुनाव आयोग ने उनकी टिप्पणियों को लेकर कथित तौर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जिसमें उन्होंने 'पनौती' और 'जेबकतरे' शब्दों का इस्तेमाल किया था।

राहुल गांधी ने राजस्थान के बाडमेर जिले में स्थित बायतु में एक चुनावी रैली में कहा था कि जेबकतरे एक समूह के रूप में काम करते हैं। जहां एक आपका ध्यान भटकाता है जबकि दूसरा आपकी जेब काटता है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया था कि इसी तरह, मोदी हिंदू-मुस्लिम करके मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाते हैं और फिर आपकी जेब काटते हैं।


राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि भारतीय क्रिकेट टीम आईसीसी विश्व कप जीतती, लेकिन मोदी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और अपनी उपस्थिति से दुर्भाग्य (पनौती के रूप में) लेकर आए, जिससे टीम की हार हुई। हाल ही में, वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कई बार पीएम मोदी पर कटाक्ष किया है, जिससे विवाद पैदा हो गया है। उन्हें बीजेपी की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। राहुल ने मोदी पर यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री ओबीसी नहीं हैं क्योंकि उनका जन्म सामान्य वर्ग में हुआ है।

कांग्रेस नेता ने 5 मार्च को मध्य प्रदेश में एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर युवाओं को गुमराह करने का आरोप लगाया, उन्होंने कहा कि पीएम चाहते हैं कि युवा पीढ़ी केवल 'जय श्री राम' का नारा लगाए और भूखा रहे मरते दम तक'। भाजपा ने इस नारे को हिन्दू विरोधी बताते हुए अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश की।

लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे गरमी बढ़ती जा रही है। आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने में कोई राजनीतिक दल किसी से कम नहीं है। भाजपा नेता लंबे समय तक राहुल गांधी को पप्पू बोलते रहे। लेकिन कांग्रेस ने या राहुल गांधी ने कभी भी इस पर ऐतराज नहीं किया। राहुल गांधी ने जब अडानी और मोदी के संबंधों पर संसद से सड़क तक हमला बोला तब भाजपा ने राहुल को पप्पू कहना बंद किया। हालांकि अभी भी कई नेता राहुल के लिए इस शब्द का प्रयोग करते हैं।
खुद कांग्रेस ने पीएम मोदी पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द बोलने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने संसद में बोले गए पीएम मोदी के शब्दों पर भी आपत्ति जताई है। जिसमें पूर्व मंत्री रेणुका चौधरी के खिलाफ बहुत ही आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल शामिल है। इसी तरह कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी स्व. सुनंदा पुष्कर के लिए भी गलत शब्द बोले गए थे।
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सभी दलों को चेतावनी

बहरहाल, चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को सार्वजनिक प्रचार में संयम बनाए रखने और चुनाव प्रचार के स्तर को "मुद्दा-आधारित" बहस तक बढ़ाने की सलाह जारी की है। आयोग अप्रत्यक्ष मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट उल्लंघनों का आकलन करेगा और आगामी चुनावों के लिए दोबारा नोटिस देगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने नैतिक और सम्मानजनक राजनीतिक भाषण के महत्व पर जोर दिया। आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से बचने के लिए, चुनाव निकाय ने चुनाव के दौरान पहले से ज्ञात पद्धतियों का पालन करने वाले उल्लंघनों के मामले में 'स्टार प्रचारकों' और उम्मीदवारों को 'नोटिस' पर रखा है।

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यूसुफ किरमानी
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