उन्होंने लिखा है- “2 अक्टूबर, 2023 को हमने वकील के माध्यम से एक मेमोरंडम भेजा था। उसमें कुछ महत्वपूर्ण चिंताएँ उठाईं जो 23 अगस्त, 2023 के चुनाव आयोग के स्पष्टीकरण में अनसुनी रह गईं। उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।”
रमेश ने लिखा- “मैं एक बार फिर इंडिया गठबंधन के नेताओं की 3-4 सदस्यीय टीम को आपसे और आपके सहयोगियों से मिलने और वीवीपैट पर अपना दृष्टिकोण रखने के लिए कुछ मिनट का समय देने का अवसर देने का अनुरोध करता हूं। निश्चित रूप से, यह बिल्कुल उचित और वैध अनुरोध है।“
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि मतगणना प्रक्रिया के तहत शत-प्रतिशत वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) पर्चियों का सत्यापन किया जाना चाहिए। सोशल मीडिया पोस्ट में कुरैशी की टिप्पणी 2024 के लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले आई है। क़ुरैशी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा, "सभी वीवीपैट पर्चियों को गिनने में एक दिन से अधिक समय नहीं लगेगा। चुनाव की विश्वसनीयता के लिए यह आवश्यक है।”