19 नवंबर, 2021 का दिन भारतीय राजनीति के इतिहास में एक बड़े दिन के रूप में याद किया जाएगा। किसान आंदोलन में शामिल रहे लोग, विपक्षी राजनीतिक दलों के नेता यह कहकर इस दिन की मिसाल देंगे कि इस दिन उन्होंने ताक़तवर राजनेता और वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी को झुकने के लिए मज़बूर कर दिया था।

बेशक, किसानों ने मोदी सरकार को झुकाया है, वरना पिछले सात साल में कभी ऐसा नहीं हुआ जब केंद्र सरकार या वज़ीर-ए-आज़म मोदी किसी तरह के दबाव में दिखे हों। 

यह साफ नज़र आता है कि इस दबाव की वजह सामने खड़े पांच राज्यों के चुनाव हैं। इनमें से भी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन के गहरे असर के कारण बीजेपी परेशान थी और उसे कृषि क़ानूनों को लेकर जल्द कोई फ़ैसला लेना था।