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किसानों से धोखा, गेहूं नीति भारी पड़ी, कहां है MSP कमेटीः कांग्रेस

कांग्रेस ने गुरुवार को केंद्र सरकार की गेहूं नीति पर तीखा हमला बोला और कहा कि एमएसपी के लिए किया गया वादा झूठा साबित हुआ है। किसानों को धोखा दिया गया है। केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से देश में खाद्यान्न संकट पैदा हो गया है। कृषि प्रधान राज्य हरियाणा के प्रमुख कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने गुरुवार को कांग्रेस मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिलसिलेवार सारे तथ्य पेश किए। 

हुड्डा ने कहा कि चंद औद्योगिक घरानों का पोषण और किसान-मजदूर का शोषण', बीजेपी सरकार इसी सिद्धांत के तहत काम कर रही है। सरकार ने किसान आंदोलन के साथ बड़ा धोखा किया है। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम)  से हुए समझौते को सरकार ने किसान की आय डबल करने, 2 करोड़ रोजगार हर साल देने, 15 लाख खाते में डालने व कालाधन लाने के वादे की श्रेणी में डाल दिया यानी भुला दिया।

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हरियाणा के किसान नेता ने कहा कि  सरकार की दूरदर्शिता के अभाव ने आज देश में अनाज संकट खड़ा कर दिया है। पीडीएस के लिए राज्यों के पास गेहूं कम पड़ रहा है। खुद बीजेपी शासित राज्य गुजरात, यूपी, एमपी केंद्र को पत्र लिखकर गेहूं की मांग कर रहे हैं। क्योंकि सरकार ने इस बार खरीद नहीं की व देश का 10 मिलियन टन अनाज निर्यात होने दिया।

हुड्डा के मुताबिक सरकार पीडीएस के लिए करीब 10 प्रदेशों के गेहूं आवंटन में कटौती कर रही है। सरकार कह रही कि सेंट्रल पूल में गेहूं का स्टॉक कम है। ये 2008 के स्तर से भी नीचे चला गया। यानी गेहूं का स्टॉक 15 साल में सबसे कम है और आबादी के अनुपात में देखें तो ये 50 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।

50 साल बाद आज देश के सामने कृषि संकट व अनाज संकट आया है तो इसके लिये सीधे तौर पर बीजेपी सरकार जिम्मेदार है।

Farmers cheated, where is wheat policy and MSP committee: Congress - Satya Hindi
दीपेंद्र हुड्डा
उन्होंने कहा, पिछले फसली सीजन में 43.34 मिलियन टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी। जो इस बार घटकर 18.78 मिलियन टन रह गई यानी सीधे 56% की गिरावट हुई। गेहूं का कुल सरकारी भंडारण इस बार 15 साल में सबसे कम है और प्रति व्यक्ति भंडारण 50 साल में सबसे कम है। सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में गरीबों को गेहूं नहीं दे पा रही है।

हुड्डा का आरोप है कि कुछ बड़े औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचाने के लिये देश के किसान और गरीब आदमी को सरकार ने चोट पहुंचाई है। कांग्रेस की मांग है कि सरकार किसानों के साथ हुए समझौते के मुताबिक तुरंत एमएसपी (MSP) कमेटी का गठन करे और पीडीएस, गेहूं निर्यात पर श्वेतपत्र जारी करे।

नीति आयोग बार-बार एमएसपी को खत्म करने की वकालत क्यों कर रहा है? ये किसान आंदोलन के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात है। वादे के मुताबिक सरकार ने ना अब तक एमएसपी पर कमेटी बनाई, ना अजय टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया। लगता है कि संयुक्त किसान मोर्चा से हुए समझौते को सरकार ने जुमलों की श्रेणी में डाल दिया है।


-दीपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में

हुड्डा ने कहा - अगर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ होगा तो हम लड़ेंगे। अगर किसान की आय सुरक्षा से खिलवाड़ होगा तो भी हम लड़ेंगे। पहले लड़े थे किसान के लिए, अब लड़ेंगे किसान, गरीब और जवान के लिए।  

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क़मर वहीद नक़वी
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