loader

जी-20 डिनर में कश्मीरी कहवा से लेकर दार्जलिंग की चाय तक रही शामिल

जी- 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने नई दिल्ली आए विदेशी मेहमानों के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को डिनर का आयोजन किया है। इसमें देश की खानपान से जुड़ी समृद्ध विरासत विविधता की झलक देखने को मिली। 

इस डिनर के मेन्यू को वसुधैव कुटुंबकम - एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की भावना को समर्पित किया गया था। इसमें कश्मीरी कहवा से लेकर दार्जीलिंग की चाय तक शामिल थी। इस डिनर की खास बात रही कि इसके मेन्यू में सभी डिश शाकाहारी थी। 

इसके स्टार्टर में दही के गोले और भारतीय मसालेदार चटनी से सजे कंगनी श्री अन्न लीफ क्रिप्स ( दूध, गेंहू और मेवा युक्त ) था। मुख्य भोजन में ग्लेजड कॉरेस्ट मशरूम, कुटकी श्री अन्न, क्रिस्प-करी पत्ते के साथ तैयार केरल का लाल चावल, कटहल गैलेट के साथ परोसा गया। 

इसमें भारतीय रोटियां भी परोसी गई जिसमें मुंबई का मशहूर पाव जो दूध और गेंहू से बनी हुई कलौेंजी के स्वाद से युक्त थी शामिल थी। इसके साथ ही इलायची के स्वाद वाली मीठी रोटी या बाकरखानी भी परोसी गई। 

खाने के बाद मिठाई में इलायची की खुशबू से युक्त सांवा का हलवा,अंजीर - आडू मुरब्बा और अंबेमोहर राइस क्रिस्प्स भी मौजूद थी। 

वहीं पेय पदार्थों में कश्मीरी कहवा, फिल्टर कॉफी, दार्जलिंग चाय  और पान के स्वाद वाली चॉकलेट लीव्स भी शामिल थी। 

इस जी - 20 डिनर में विदेशी राष्ट्राध्यक्षों, विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख , भारत के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय और राज्य मंत्रियों समेत कुल 170 लोगों को आमंत्रित किया गया है। 
इस डिनर में 180 लोगों के लिए खाना तैयार किया गया था जिसके लिए फाइव स्टार होटलों के करीब 2500 स्टाफ को लगाया गया था। डिनर हॉल में फूल बेंगलुरु से मंगवा कर लगाए गए थे जिसे सजाने के लिए खासतौर से काेलकाता से कारीगरों को बुलाया गया था। 

ताजा ख़बरें

नालंदा यूनिवर्सिटी के बैकग्राउंड के सामने हुआ मेहमानों का स्वागत

इस जी-20 डिनर में आने वाले विदेशी मेहमानों जिसमें इसके सदस्य देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आदि शामिल थे का स्वागत खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया। 
इस डिनर के लिए जब विदेशी मेहमान भारत मंडपम में पहुंचे तो उनका स्वागत  प्राचीन नालंदा यूनिवर्सिटी के अवशेष को दिखाते बैकग्राउंड के सामने किया गया।
प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत कई मेहमानों को प्राचीन नालंदा यूनिवर्सिटी के बारे में बताया भी। 
उन्होंने देश के बिहार राज्य में मौजूद दुनिया की पहली यूनिवर्सिटी के अवशेषों से जुड़े इतिहास से इन विश्व नेताओं को परिचित करवाया। मालूम हो कि यूनिस्को द्वारा विश्व धरोहर में शामिल यह प्राचीन यूनिवर्सिटी 5वीं से 12वीं सदी के बीच अस्तित्व में थी। 

जापान और मॉरीशस के प्रधानमंत्री की पत्नी साड़ी में नजर आई

इस जी-20 डिनर में शामिल हुई जापान और मॉरिशस के प्रधानमंत्री की पत्नी साड़ी में नजर आई। वहीं आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा भी भारतीय महिलाओं की तरह सलवार सूट पहने दिखी। 
इस जी - 20 डिनर में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जापान के पीएम फुमियो किशिदा और उनकी पत्नी युको किशिदा, विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के महासचिव माथियास कॉर्मन, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम, एशियाई विकास बैंक के अध्यक्ष मासात्सुगु असकावा, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक यिओल और उनकी पत्नी,  यूरोपीय यूनियन की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, जर्मनी के चांसलर शोल्ज, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगनाथ  आदि ने शिरकत की।   

देश से और खबरें

जी- 20 डिनर में खड़गे को नहीं बुलाया गया

इस जी-20 डिनर में विदेशी मेहमानों के साथ ही केंद्रीय मंत्रियों, राज्यों के मुख्यमंत्रियों आदि को बुलाया गया था वहीं विपक्ष के नेता और कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को नहीं बुलाया गया था। इसको लेकर कांग्रेस के कई नेताओं ने सरकार की आलोचना की है। पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि यह केवल वहीं हो सकता है जहां कोई लोकतंत्र नहीं है।

उन्होंने सोशल मीडिया साइट्स एक्स पर ट्वीट कर लिखा है कि मैं किसी और लोकतांत्रिक देश की सरकार की कल्पना नहीं कर सकता कि वह विश्व नेताओं के लिए राजकीय रात्रिभोज में विपक्ष के मान्यता प्राप्त नेता को आमंत्रित न करे।  

पी चिदंबरम ने कहा कि ऐसा केवल उन्हीं देशों में हो सकता है जहां न तो लोकतंत्र है और न ही विपक्ष। मुझे आशा है कि इंडिया, यानी भारत, उस स्थिति में नहीं पहुंचा है जहां लोकतंत्र और विपक्ष का अस्तित्व समाप्त जाए।  
वहीं जी-20 डिनर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को नहीं बुलाने पर तमिलनाडु कांग्रेस के एक नेता मोहन कुमारमंगलम ने शुक्रवार को केंद्र सरकार की आलोचना की थी। कुमारमंगलम ने कहा था कि "मोदी है तो मनु है"। 
उन्होंने कहा था कि खरगे को इसलिए नहीं बुलाया गया , क्योंकि वे दलित हैं। उनके इस बयान के साथ ही कांग्रेस पार्टी ने सरकार के इस कदम को दलित विरोधी बताया था। माना जा रहा आने वाले दिनों में कांग्रेस इस घटना को दलितों के अपमान से जोड़ कर उठाएगी। 
मोहन कुमारमंगलम कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महर्षि मनु की विरासत को थामे हुए हैं। ऐसे कई आयोजनों में निचली जाति के नेताओं को नहीं बुलाया गया है। उन्होंने कहा था कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के भूमिपूजन में आमंत्रित नहीं किया गया था। वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी नई संसद के उद्घाटन समारोह में नहीं बुलाया गया था। 

राहुल गांधी ने कहा था यह सरकार की सोच को दर्शाता है

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को जी-20 रात्रिभोज में नहीं बुलाए जाने पर सरकार की आलोचना की है। यूरोप दौरे पर गए राहुल ने कहा है कि यह सरकार की सोच को दर्शाता है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि, मल्लिकार्जुन खरगे को इस आयोजन में नहीं बुलाया जाना बताता है कि सरकार विपक्ष के नेता को महत्व नहीं देती है। 
उन्होंने हमें जी - 20 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया। वे देश की 60 प्रतिशत आबादी के नेतृत्व को महत्व नहीं देते हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी का यह विदेश दौरा ऐसे समय हो रहा है जब नई दिल्ली में जी - 20 देशों का शिखर सम्मेलन हो रहा है। राहुल गांधी इस सम्मेलन के खत्म होने के बाद भारत लौटेंगे। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें