मुंबई हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने शुक्रवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को कथित तौर पर माओवादियों से संबंध होने के मामले में दोषमुक्त कर दिया है। जस्टिस रोहित देव और जस्टिस अनिल पानसरे की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया है।
माओवादियों से संबंध का मामला: पूर्व प्रोफेसर साईबाबा दोषमुक्त
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- 14 Oct, 2022
साईबाबा को साल 2014 में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें किस मामले में दोषी ठहराया गया था।

अदालत ने उन्हें इस बात की भी इजाजत दी है कि वह इस मामले में निचली अदालत के द्वारा दिए गए आदेश के खिलाफ अपील कर सकते हैं। साईबाबा और चार अन्य लोगों को साल 2017 के मार्च महीने में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
एक और शख्स को भी 10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। इन सभी लोगों को यूएपीए कानून के तहत भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का दोषी ठहराया गया था। साईबाबा वर्तमान में नागपुर की केंद्रीय जेल में बंद हैं।