सरकारी आँकड़ों के मुताबिक कोरोना महामारी से तीन लाख से अधिक लोगों की मौत होने के बावजूद केंद्र सरकार उससे निपटने के लिए आलोचकों की सलाह लेने या उनसे बात करने के बजाय उन पर ज़ोरदार हमले करने की नीति पर चल रही है।