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मुस्लिमों से नफरतः उद्योगपति किरण शॉ की टिप्पणी पर अमित मालवीय बिफरे

मुस्लिमों के प्रति बढ़ती नफरत के खिलाफ भारतीय कॉरपोरेट जगत से आवाज उठी है। जानी-मानी महिला उद्योगपति किरण मजूमदार शॉ ने कहा कि धार्मिक विभाजन देश को बर्बाद कर देगा। किरण शॉ के बयान पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस महिला उद्योगपति के बयान को राजनीति से प्रेरित बताया। उनकी यह टिप्पणी कर्नाटक के मंदिरों उत्सवों के दौरान मुस्लिम व्यापारियों पर प्रतिबंध लगाने के आह्वान पर आई है। बायोकॉन कंपनी की सीईओ किरण मजूमदार शॉ ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से आग्रह किया है कि इस बढ़ते धार्मिक विभाजन को हल किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर आईटी क्षेत्र सांप्रदायिक हो गया, तो यह भारत के ग्लोबल नेतृत्व की छवि को नष्ट कर देगा।

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शॉ की इस टिप्पणी के बाद कर्नाटक बीजेपी ने उन पर राजनीतिक राय व्यक्त करने का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार ने मंदिर परिसरों में गैर-हिंदुओं को व्यापार करने से रोकने वाले पुराने नियम का हवाला देकर मुस्लिम व्यापारियों पर रोक लगा दी। उसी के मद्देनजर किरण शॉ ने अपनी चिन्ता सार्वजनिक रूप से जाहिर की। भारतीय कॉर्पोरेट से अभी तक किसी बड़ी हस्ती ने यह साहस नहीं दिखाया था। 
किरण ने कहा कि कर्नाटक ने हमेशा समावेशी आर्थिक विकास पर ध्यान दिया है और हमें इस तरह के सांप्रदायिक बहिष्कार की अनुमति नहीं देनी चाहिए। अगर आईटीबीटी (Information Technology and Business Transformation) सांप्रदायिक हो गया तो यह हमारे ग्लोबल लीडरशिप को बर्बाद कर देगा। बीएस बोम्मई (सीएम), कृपया इस बढ़ते धार्मिक विभाजन को हल करें। किरण शॉ का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल है। लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। एक यूजर ने किरण की अपील का जवाब देते हुए उन्हें और मुख्यमंत्री दोनों को टैग करते हुए लिखा: वो इस सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ाएंगे और कर्नाटक हमारी आंखों के सामने नाकाम हो जाएगा। इस पर, किरण ने जवाब दिया: हमारे सीएम बहुत प्रगतिशील नेता हैं। मुझे यकीन है कि वह इस मुद्दे को जल्द ही सुलझा लेंगे।

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख बीजेपी नेता अमित मालवीय ने किरण पर राजनीतिक पूर्वाग्रह का आरोप लगाते हुए टिप्पणियों का तीखा जवाब दिया। मालवीय ने लिखा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि किरण शॉ जैसे लोग अपनी व्यक्तिगत और राजनीतिक राय थोपते हैं, और इसे आईटीबीटी क्षेत्र में भारत के नेतृत्व के साथ जोड़ते हैं। राहुल बजाज ने एक बार गुजरात के लिए कुछ ऐसा ही कहा था, यह आज एक प्रमुख ऑटोमोबाइल इन्फ्रास्ट्रक्चर केंद्र है। आंकड़े देखिए। ...अमित मालवीय ने लिखा, कर्नाटक में धार्मिक विभाजन के लिए किरण शॉ को जागते हुए देखकर अच्छा लगा। क्या उन्होंने तब बात की जब अल्पसंख्यकों ने शिक्षा पर हिजाब को प्राथमिकता दी। कांग्रेस ने हिंदू संस्थानों में गैर हिंदुओं का ध्यान रखते हुए नियम बनाए।...कांग्रेस का घोषणापत्र किसने तैयार किया...

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गौरतलब है कि कर्नाटक महीनों से तमाम धार्मिक विवादों से जूझ रहा है। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल जैसे समूहों ने मंदिर परिसरों में मुस्लिम व्यापारियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इस अभियान ने कुछ मंदिरों को मुस्लिम व्यापारियों को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। राज्य सरकार ने विधानसभा में बताया कि मंदिर परिसर में काम करने वाले गैर-हिंदू विक्रेताओं पर प्रतिबंध 2002 में कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थानों और धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम, 1997 के तहत लगाया गया है। मंदिरों के पास मुस्लिम व्यापारियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग को हिजाब पर प्रतिशोध के रूप में देखा जा रहा है। राज्य भर की मुस्लिम छात्राएं क्लास में हेडस्कार्फ़ पहनने के अपने अधिकार के लिए लड़ रही हैं। कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में क्लास में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के राज्य सरकार के आदेश का समर्थन करते हुए कहा कि हिजाब इस्लाम में एक अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है।

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क़मर वहीद नक़वी
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