स्कूल में औसत दर्जे का होने से ही क्या आदमी की तकदीर तय हो जाती है? इसी हफ़्ते हेलीकॉप्टर दुर्घटना में एकमात्र जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की मानें तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। वह खुद इसके उदाहरण हैं। उन्होंने लिखा है कि वह स्कूल में औसत दर्जे का छात्र थे यानी परीक्षा में अंक लाने में औसत दर्जे के थे, लेकिन वह बेहद सम्मानित और गर्व करने वाला 'शौर्य चक्र' का सम्मान पाने वाले शख्स हैं।
स्कूल में औसत दर्जे के छात्र शौर्य चक्र तक पहुँचा: हेलीकॉप्टर हादसे के सर्वाइवर
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- 10 Dec, 2021
तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसे में जीवित बचे ग्रुप कैप्टन का तीन महीने पहले लिखा एक ख़त वायरल हो रहा है। जानिए, आख़िर उन्होंने उस ख़त में क्या लिखा है।

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह
कैप्टन वरुण सिंह ने यह बात हरियाणा के अपने स्कूल आर्मी पब्लिक स्कूल चांदीमंदिर कैटोनमेंट के प्रधानाचार्य को लिखे एक ख़त में कही है। उनका यह ख़त अब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। उन्होंने यह ख़त इसी साल सितंबर महीने में तब लिखा था जब उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। उस ख़त में उन्होंने स्कूली छात्रों को संबोधित किया था। वरिष्ठ पत्रकार विनोद कापड़ी ने उस ख़त को ट्वीट करते हुए लिखा है कि यह ख़त हर बच्चे, हर छात्र को पढ़ना चाहिए।