केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह सोचा भी नहीं होगा कि हिंदी दिवस के मौक़े पर पूरे देश की एक भाषा होने के ट्वीट पर उन्हें अपनी ही पार्टी में विरोध का सामना करना पड़ेगा। दक्षिण के कुछ विपक्षी दलों के नेताओं ने तो शाह के इस ट्वीट का पुरजोर विरोध किया ही था और कहा था कि शाह उनके राज्यों में हिंदी को थोपने की कोशिश न करें। इस मुद्दे पर उनकी पार्टी के भीतर से भी आवाज़ उठी है।