भारत और चीन के रिश्तों में सुधार पर बड़ा फ़ैसला लिया गया है। दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए सीमा व्यापार को फिर से शुरू करने, सीधी उड़ानों को बहाल करने और वीजा नियमों में ढील देने पर सहमति जताई है। इसके साथ ही विवाद वाली सीमा के निर्धारण के प्रयास तेज होंगे। यह निर्णय दोनों देशों के बीच 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद तनावपूर्ण रहे संबंधों में सुधार का संकेत है। यह कदम, ट्रंप के टैरिफ़, वैश्विक व्यापार और अमेरिकी व्यापार नीतियों के प्रभाव के बीच उठाया गया है।
भारत-चीन सीमा व्यापार फिर से शुरू करेंगे, सीमा निर्धारण के प्रयास होंगे
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- 19 Aug, 2025
डोनाल्ड ट्रंप के आक्रामक टैरिफ़ और अमेरिका की व्यापार नीतियों से वैश्विक व्यापार में मची हलचल के बीच भारत-चीन संबंध सुधार की दिशा में बड़ी पहल हुई है। जानिए, दोनों देश अब साथ में क्या क्या करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी और चीन के विदेश मंत्री वांग यी।
भारत और चीन ने प्रमुख सीमा बिंदुओं के माध्यम से व्यापार को फिर से शुरू करने के लिए बातचीत को तेज कर दिया है। दोनों पक्षों ने नई दिल्ली में सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों की 24वें दौर की वार्ता भी संपन्न की, जिसकी सह-अध्यक्षता एनएसए अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने की। सीमा व्यापार दोनों देशों के बीच सांकेतिक महत्व रखता है। यह व्यापार 2020 के पूर्वी लद्दाख सैन्य गतिरोध के बाद बंद कर दिया गया था। अब, दोनों पक्ष इस व्यापार को फिर से शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और आपसी सहयोग को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। फ़िलहाल, चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत के दौरे पर हैं और उन्होंने पीएम मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल सहित कई नेताओं के साथ बैठक की है।