नरोत्तम मिश्रा
बीजेपी - दतिया
हार
देश में आज लगातार दूसरे दिन कोरोना के रिकॉर्ड पॉजिटिव केस आए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी गुरुवार के 24 घंटे के आँकड़ों के अनुसार 4 लाख 14 हज़ार 188 संक्रमण के नये मामले सामने आए हैं। इससे एक दिन पहले एक दिन में देश में 4 लाख 12 हज़ार 262 पॉजिटिव केस आए थे और इस दौरान 3980 लोगों की मौत हुई थी। एक दिन में मौत का यह आँकड़ा सबसे ज़्यादा था। शुक्रवार को जो एक दिन में मौत का आँकड़ा जारी किया गया है वह कल से मामूली कम है और 3915 मरीज़ों की मौत की बात कही गई है।
यह तीसरी बार है जब एक दिन में 4 लाख से ज़्यादा केस आए हैं। इससे पहले देश में एक मई को 24 घंटे में 4.1 लाख केस आए थे।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी आँकड़े के बाद अब देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2 करोड़ 14 लाख 91 हज़ार से ज़्यादा हो गई है। अब तक 1 करोड़ 76 लाख से ज़्यादा मरीज़ ठीक हो चुके हैं। कुल 2 लाख 34 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। चिंता की बात यह है कि देश में सक्रिए मामलों की संख्या बढ़कर अब 36 लाख 45 हज़ार से ज़्यादा हो गई है।
देश में कितनी तेज़ी से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं इसका अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि 1 मार्च को देश में क़रीब 15 हज़ार संक्रमण के मामले दर्ज किए गए थे। अब हर रोज़ 4 लाख से ज़्यादा केस आने लगे हैं। पिछले दो हफ्तों से तो हर दिन 3 लाख से अधिक कोरोना के मामले आ रहे हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में ही भारत में कुल संक्रमण के मामले दो करोड़ के आंकड़े को पार कर गए हैं।
बता दें कि देश में अभी कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। यह लहर अभी शिखर पर पहुँची भी नहीं है कि तीसरी लहर की आशंका जताई गई है। सरकारी वैज्ञानिक डॉक्टर के. विजय राघवन ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर को नहीं टाला जा सकता है।
ऐसे हालात के बीच ही देश के अलग-अलग हिस्सों में तो मेडिकल ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीज़ों की मौत की लगातार ख़बरें आ रही हैं। केंद्र सरकार को इसके लिए ज़बर्दस्त आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
विपक्षी दलों और आम लोगों से तो मोदी सरकार दबाव में है ही, अदालतों ने भी सरकार की खिंचाई की है।
कोरोना संकट के बीच मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के लिए लगातार आलोचनाओं का सामना कर रहे केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से गुरुवार को फिर झटका लगा है। अदालत ने केंद्र से कहा है कि देश में ऑक्सीजन आवंटन में पूरी तरह फेरबदल यानी सुधार करने की ज़रूरत है। इसने यह भी कहा कि इस पूरी व्यवस्था के ऑडिट किए जाने और ज़िम्मेदारी तय किए जाने की ज़रूरत है। कोर्ट की इस टिप्पणी का साफ़ मतलब यही है कि देश में ऑक्सीजन को लेकर पूरी तरह अव्यवस्था है और इसी वजह से मरीज़ों को ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है। अब तक दिल्ली सहित कई राज्यों के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण बड़ी संख्या में मरीज़ों की मौत हो चुकी है।
डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की पीठ ने कहा कि बेड की संख्या के आधार पर केंद्र के मौजूदा फ़ॉर्मूले को पूरी तरह से बदलने की आवश्यकता है। पूरे देश में फ़िलहाल अस्पताल बेड, आईसीयू के इस्तेमाल के हिसाब से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती है।
About Us । Mission Statement । Board of Directors । Editorial Board | Satya Hindi Editorial Standards
Grievance Redressal । Terms of use । Privacy Policy
अपनी राय बतायें