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भारत ने ट्विटर को बैन करना चाहा था, आरोप पर सरकार तिलमिलाई 

ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व बॉस जैक डोर्सी का आरोप है कि ट्विटर को किसानों के विरोध और सरकार की आलोचना करने वाले खातों को ब्लॉक करने के लिए भारत सरकार से "कई अनुरोध" प्राप्त हुए थे। उन्होंने यह भी कहा है कि ट्विटर को "बंद" करने और भारत में उसके कर्मचारियों के घरों पर छापे मारने की धमकी दी गई थी। 

'हम आपको बंद कर देंगे'

यूट्यूब चैनल ब्रेकिंग पॉइंट्स में सोमवार देर रात एक इंटरव्यू के दौरान, जब उनसे ट्विटर के सीईओ के रूप में विदेशी सरकारों के दबाव के बारे में पूछा गया, तो डोर्सी ने भारत का नाम लिया। उन्होंने कहा, “भारत एक ऐसा देश है जिसने किसान आंदोलन के दौरान हमसे कई अनुरोध किए हैं, कुछ विशेष पत्रकार जो सरकार के आलोचक थे। उनके ट्विटर हैंडल को बैन करने को कहा था। ऐसा न करने पर 'हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे' जैसी धमकियां दी गईं। आप जानते हैं भारत हमारे लिए एक बहुत बड़ा बाजार है। भारत सरकार ने हमें धमकी दी कि 'हम आपके कर्मचारियों के घरों पर छापा मारेंगे,हम आपके दफ्तरों को बंद कर देंगे।' डोर्सी ने कहा कि हालांकि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, लेकिन ऐसी धमकियां हमें मिलीं।
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2021 में देश में किसानों के विरोध के चरम पर, केंद्र ने ट्विटर से कथित "खालिस्तान" लिंक के लिए लगभग 1,200 खातों को ट्विटर से हटाने के लिए कहा था। इससे पहले इसने मंच से 250 से अधिक खातों को बंद करने के लिए कहा था। 
ट्विटर ने कुछ खातों को ब्लॉक करके जवाब दिया था, लेकिन बाद में उन्हें अनब्लॉक कर दिया, जिससे आईटी मंत्रालय नाराज हो गया था। बाद में अपने जवाब में, ट्विटर ने अपने मंच पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए इन खातों को ब्लॉक करने से इनकार कर दिया था। मोदी सरकार ने ट्विटर के जवाब को पसंद नहीं किया।

मई 2021 में, सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार को बदनाम करने के लिए कांग्रेस की साजिश का आरोप लगाया। उस समय ट्विटर ने भाजपा नेताओं की कुछ पोस्टों को फ़्लैग कर दिया। यानी उन्हें आपत्तिजनक बताया था। इसके कुछ दिनों बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाली दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम ने ट्विटर इंडिया के दिल्ली और गुड़गांव दफ्तरों पर नोटिस लेकर पहुंच गई थी।
बहरहाल, भारत सरकार ट्विटर के सह संस्थापक के आरोप पर बहुत तिलमिलाई हुई है। एक ट्वीट में, केंद्रीय आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने जैक डोर्सी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। केंद्रीय मंत्री ने डोर्सी के सारे आरोपों को खारिज कर दिया।
एक लंबी पोस्ट में, केंद्रीय मंत्री राजीव चंदशेखर ने जैक डोर्सी पर पलटवार करते हुए कहा कि "डोर्सी के समय ट्विटर को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में समस्या थी। वास्तव में वे 2020 से 2022 तक बार-बार कानून का पालन नहीं कर रहे थे और यह केवल जून 2022 था जब उन्होंने अंततः अनुपालन किया।  
उन्होंने जोर देकर कहा, सरकार ट्विटर से गलत सूचना को हटाने के लिए बाध्य थी क्योंकि इसमें फर्जी खबरों के आधार पर स्थिति और भड़काने की आशंका थी।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद किसानों ने नवंबर 2021 में विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया था। वो आंदोलन करीब एक साल चला।

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ट्विटर के नए सीईओ एलोन मस्क का भी भारत के सोशल मीडिया नियमों के बारे में समान विचार है, जिन्होंने पहले उन्हें "सख्त" कहा था। इस साल अप्रैल में मस्क ने कहा था कि वह ट्विटर कर्मचारियों को जेल भेजने का जोखिम उठाने के बजाय सरकार के ब्लॉकिंग आदेशों का पालन करेंगे। इसके बाद भारत सरकार और ट्विटर के बीच रिश्ते सामान्य हो गए।
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क़मर वहीद नक़वी
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