सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। 1 अप्रैल, 2025 को हुई एक पूर्ण अदालत बैठक में, सभी 33 सुप्रीम कोर्ट जजों, जिसमें भारत के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना भी शामिल हैं, ने अपनी संपत्ति को सार्वजनिक करने का फैसला किया। यह जानकारी अब सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। यह निर्णय उस प्रथा से एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है, जिसमें संपत्ति घोषणा पूरी तरह से जजों के विवेक पर निर्भर थी।
भारत में अन्य सार्वजनिक सेवकों के विपरीत, जजों पर अपनी संपत्ति को सार्वजनिक करने की कोई कानूनी बाध्यता नहीं है। 1997 में तत्कालीन सीजेआई जे.एस. वर्मा की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें कहा गया था कि हर जज को अपनी संपत्ति, अपने जीवनसाथी की संपत्ति, और आश्रितों की संपत्ति की घोषणा चीफ जस्टिस को करनी चाहिए। हालांकि, यह सार्वजनिक घोषणा के लिए नहीं था।