भारत और बांग्लादेश ने 2013 में एक महत्वपूर्ण संधि पर हस्ताक्षर किये थे। लेकिन वो संधि दोनों देशों के भगोड़ों के एक दूसरे के देश में छिपने को लेकर प्रत्यर्पण संधि थी। उस संधि का मतलब यह नहीं है कि भारत को शेख हसीना को हर हालत में बांग्लादेश को सौंप देना होगा।