रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ टेलीफोन पर बातचीत में गुरुवार को अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेग्सेथ ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद एकजुटता का मजबूत संदेश दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका 'भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है।' उन्होंने पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद लोगों की जान गंवाने पर शोक व्यक्त किया और भारत के साथ एकजुटता जताई। हेग्सेथ ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिकी सरकार के पूर्ण समर्थन की पुष्टि की। 

राजनाथ सिंह ने हेग्सेथ से कहा कि 'पाकिस्तान का आतंकी संगठनों को समर्थन देने, प्रशिक्षण देने और वित्त पोषण करने का इतिहास रहा है। पाकिस्तान एक दुष्ट राज्य के रूप में उजागर हुआ है, जो वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देता है और क्षेत्र को अस्थिर करता है। विश्व अब आतंकवाद की ओर आंखें नहीं मूंद सकता।' सिंह ने आगे कहा, 'वैश्विक समुदाय के लिए ऐसी जघन्य आतंकी गतिविधियों की स्पष्ट और असंदिग्ध रूप से निंदा करना और इन्हें उजागर करना महत्वपूर्ण है।'

एलओसी पर सातवें दिन भी सीजफायर का उल्लंघन

पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, उरी और अखनूर सेक्टरों की ओर नियंत्रण रेखा के पार बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी की और लगातार सातवीं रात संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। भारतीय सेना ने सीमा पार से लगातार हो रही गोलीबारी का बराबर बल से जवाब दिया। 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद तनाव और बढ़ गया है, पाकिस्तान की सेना ने मंगलवार रात को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी गोलीबारी की थी।

पीटीआई के मुताबिक भारत ने पाकिस्तान के डीजीएमओ से संघर्ष विराम उल्लंघन पर बातचीत की, जिसमें भारत ने पाकिस्तान को बिना उकसावे के गोलीबारी के खिलाफ चेतावनी दी। पाकिस्तान की कार्रवाई 2003 के संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन है। जिसके लिए दोनों पक्षों ने 740 किलोमीटर लंबी वास्तविक सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद फरवरी 2021 में आगे तनाव न बढ़ाने की पुष्टि की थी।

इस्लामाबाद और दिल्ली स्थित भारतीय और पाकिस्तानी उच्चायोगों के 25 राजनयिक, अधिकारी और कर्मचारी अपने-अपने लौट आए। इससे दोनों देशों के उच्चायोगों में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या 55 से घटकर 30 हो गई। इसी के बाद अब अमेरिका ने दोनों देशों से संयम बरतने और तनाव न बढ़ाने की अपील की है।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने प्रेस को बताया कि वाशिंगटन “कश्मीर की स्थिति के बारे में” भारत और पाकिस्तान दोनों से संपर्क कर रहा है और उन्हें “हालात को और न बिगाड़ने” के लिए कह रहा है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो “एक दो दिन में पाकिस्तान और भारत के विदेश मंत्रियों से बात करने की उम्मीद कर रहे हैं। वह अन्य राष्ट्रीय नेताओं और विदेश मंत्रियों को इस मुद्दे पर देशों से संपर्क करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।”

ब्रूस ने कहा, "हर दिन कदम उठाए जा रहे हैं। इस मामले में, विदेश मंत्री भारत और पाकिस्तान में वहां के विदेश मंत्रियों से सीधे बात कर रहे हैं... हम उम्मीद करते हैं... उन्होंने जिन व्यक्तियों से बात की है, उन पर उनका जो प्रभाव पड़ा है, और निश्चित रूप से राष्ट्रपति ट्रम्प के नेतृत्व में, भारत और पाकिस्तान के बीच ऐसी बातचीत हो रही है। यह उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।"

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की इस टिप्पणी पर कि पाकिस्तान "अमेरिका के लिए यह गंदा काम कर रहा है" - आसिफ द्वारा अपने देश के आतंकी संबंधों की स्वीकारोक्ति - ब्रूस ने कहा, "मैं यहां केवल एक ही बात पर चर्चा करने के लिए तैयार हूं, वह यह है कि विदेश मंत्री दोनों देशों के विदेश मंत्रियों से बात करने जा रहे हैं। मैं आपको बता सकता हूं... हम उस क्षेत्र में सभी क्षेत्रों में हो रहे घटनाक्रमों पर भी नजर रख रहे हैं... और जैसा कि आप जानते हैं, हम कई स्तरों पर भारत और पाकिस्तान की सरकारों के संपर्क में हैं, न केवल विदेश मंत्री स्तर पर, बल्कि कई स्तरों पर। हम, निश्चित रूप से, सभी पक्षों को एक जिम्मेदार समाधान के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। दुनिया इस पर नजर रख रही है।"

वाशिंगटन की ओर से तनाव कम करने का आह्वान ऐसे समय में आया है जब ब्रिटेन और सऊदी अरब ने दिल्ली और इस्लामाबाद को फोन किया है। ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी और सऊदी विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान अल सऊद ने विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार से बात की है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने भी दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की पेशकश की है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने का वादा करने और सैन्य अधिकारियों से कहा है कि उन्हें “अपनी प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय पर निर्णय लेने की पूरी स्वतंत्रता है।” इस बयान के बाद ही अमेरिका और अन्य देशों ने भारत और पाकिस्तान से संपर्क करना शुरू किया।

भारत का एयर स्पेस पाकिस्तान के लिए बंद

पहलगाम आतंकी हमले के बाद पड़ोसी देश द्वारा इसी तरह के कदम के कुछ दिनों बाद भारत ने पाकिस्तानी विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। बुधवार शाम को जारी इस निर्णय की जानकारी देने वाले नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) में कहा गया है कि भारत का हवाई क्षेत्र पाकिस्तान में पंजीकृत विमानों और पाकिस्तानी एयरलाइनों और ऑपरेटरों द्वारा संचालित, स्वामित्व वाले या पट्टे पर दिए गए विमानों, जिनमें सैन्य उड़ानें भी शामिल हैं, के लिए उपलब्ध नहीं होगा। मौजूदा NOTAM के अनुसार यह प्रतिबंध 24 मई की सुबह तक लागू रहेगा।

22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद 24 अप्रैल को, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कूटनीतिक कदम उठाए थे। इसके बाद पाकिस्तान ने भारतीय विमानों और एयरलाइनों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था। पाकिस्तान के इस कदम से उत्तर भारतीय हवाई अड्डों से भारतीय एयरलाइनों द्वारा संचालित प्रति सप्ताह 800 से अधिक पश्चिम की ओर जाने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ानें प्रभावित हो रही हैं। एयरलाइनों के शेड्यूल डेटा के विश्लेषण से पता चलता है कि इन उड़ानों को अब लंबे समय तक उड़ान भरने, ईंधन की खपत में वृद्धि और चालक दल और उड़ान शेड्यूलिंग से संबंधित कुछ अन्य जटिलताओं का सामना करना पड़ रहा है।