loader

भारत ने ट्रंप के मध्यस्थता के प्रस्ताव को ठुकराया, कहा, 'चीन से बात कर रहे हैं'

भारत ने चीन के साथ चल रहे मौजूदा तनाव को दूर करने के लिए अमेरिकी मध्यस्थता के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है। 
गुरुवार की शाम विदेश मंत्रालय ने कहा कि 'भारत मुद्दे के शांतिपूर्ण निपटारने के लिए चीन से बात कर रहा है।'
देश से और खबरें
कूटनीतिक शालीनता के साथ कही गई इस बात का साफ़ मतलब यह है कि भारत यह कह रहा है कि 'हम चीन के साथ इस दोतरफा मामले को सुलझा लेंगे और हमें किसी तीसरे की मध्यस्थता की ज़रूरत नहीं है।'  
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'हम दिल्ली और बीजिंग दोनों ही जगहों पर कूटनीतिक स्तर पर बातचीत कर रहे हैं।'
ट्रंप ने एक दिन पहले यानी बुधवार को ट्वीट कर यह प्रस्ताव दे दिया था। ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, ‘हमने भारत और चीन, दोनों को बता दिया है कि अमेरिका दोनों के बीच मध्यस्थता करने के लिए तैयार है, इच्छुक भी है और सक्षम भी।’ हालांकि ट्वीट में उन्होंने यह नहीं बताया है कि उन्होंने चीन और भारत को मध्यस्थता करने के बारे में कब बताया है। 
अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'हमारे सैनिक  सीमा प्रबंधन पर ज़िम्मेदारीपूर्ण ढंग से काम कर रहे हैं, वे नियम क़ानूनों का सख़्ती से पालन कर रहे हैं।' 
बता दें कि सरकार ने उत्तराखंड में चीनी सीमा से लगने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा (लाइन ऑफ़ एक्चुल कंट्रोल या एलएसी) पर बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात किया है। सीमा के उस पार बड़ी तादाद में चीनी सैनिकों के जमावड़े और इस मुद्दे पर दोनों सेनाओं के स्थानीय कमांडरों की बातचीत नाकाम होने के बाद ऐसा किया गया है। 

भारत-चीन सीमा रेखा के पश्चिमी सेक्टर में लद्दाख में भी इस तरह का सैनिक जमावड़ा दोनों तरफ हो चुका है। भारत ने सीमा पर गश्त बढ़ा दी है और ड्रोन के ज़रिए चौबीसो घंटे सीमा की निगरानी का काम काम शुरू कर दिया है।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें