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फ़ोटो क्रेडिट- एनडीटीवी

यूक्रेन से लौटे छात्र बोले- पहले क़दम उठाना चाहिए था, अब दिखावा कर रही सरकार

यूक्रेन में फंसे और अपने मुल्क वापस लौटे भारतीय छात्रों के नाराजगी जाहिर करने के कई वीडियो सामने आ रहे हैं। ऐसे ही एक छात्र ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि सरकार उनके स्वागत में जो फूल गुलाब का फूल उन्हें दे रही है इसका क्या मतलब है।

उन्होंने कहा कि फूल देने से कुछ नहीं होगा। दिव्यांशु सिंह नाम के एक छात्र ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उनके साथ यूक्रेन में कुछ हो जाता तो क्या होता।

बता दें कि रूसी सैनिकों द्वारा हमले तेज किए जाने के बाद बड़ी संख्या में भारतीय छात्र और अन्य नागरिक यूक्रेन में फंस गए हैं। हालांकि बीते कुछ दिनों में बड़ी संख्या में छात्रों को विमानों के जरिए यूक्रेन से लगने वाले देशों के बॉर्डर से वापस सुरक्षित भारत लाया गया है लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे छात्र भी हैं जो युद्ध के चलते नजदीकी देशों के बॉर्डर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। 

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ऐसे लोगों को लेकर भारत में उनके परिजनों की चिंताएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। ऐसे छात्रों ने बंकरों और मेट्रो स्टेशनों या दूसरी जगहों पर शरण ली हुई है।

दिव्यांशु सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने अगर पहले ही कदम उठा लिया होता तो फूल बांटने की नौबत नहीं आती और जो यह दिखावा चल रहा है इसकी जरूरत नहीं पड़ती।

बिहार के मोतिहारी के रहने वाले दिव्यांशु ने आगे कहा कि उनका परिवार बहुत ज्यादा परेशान था। दिव्यांशु अपने कुछ दोस्तों के साथ भारत लौटे हैं। उनके दोस्तों ने कहा कि वे लोग कुछ दिन तक ब्रेड के सहारे ही रहे।

यूक्रेन से लौटी ऐसी ही एक छात्रा ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि यूक्रेन में बहुत मुश्किलें थीं और वहां मदद मिलनी चाहिए थी लेकिन मदद नहीं मिली और छात्रों से कहा गया कि आप बस पकड़िए और यूक्रेन से चले जाइए। उन्होंने बताया कि एंबेसी के कर्मचारियों ने ज्यादा मदद नहीं की। 

छात्रा ने कहा कि जब हालात खराब हो गए तब सरकार ने निकलने को क्यों कहा यह बात पहले कही जानी चाहिए थी। 

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कुछ और छात्रों ने एनडीटीवी से कहा कि खारकीव और सूमी में बच्चे फंसे हुए हैं और उनके पास बॉर्डर तक आने के लिए कोई विकल्प नहीं है। वहां से बच्चों को निकालना जरूरी है और बच्चे कई दिनों से बंकरों में रह रहे हैं।

सरकार की आलोचना 

मोदी सरकार की इस बात के लिए आलोचना हो रही है कि उसने हालात के खराब होने का इंतजार क्यों किया और पहले ही वहां से सभी भारतीयों को निकालने की कोशिश क्यों नहीं की। इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी सरकार पर आरोप लग रहे हैं और राजनीतिक दल भी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।

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क़मर वहीद नक़वी
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