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पी. चिदंबरम (फ़ाइल फ़ोटो)

आईएनएक्स मीडिया: चिदंबरम, कार्ति के ख़िलाफ़ सीबीआई चार्जशीट

आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति और इंद्राणी मुखर्जी सहित 14 लोगों के ख़िलाफ़ सीबीआई ने शुक्रवार को चार्जशीट दाखिल की। मुखर्जी जो पहले आईएनएक्स मीडिया के निदेशक थे, अब इस मामले में गवाह बन गए हैं। हालाँकि चार्जशीट में उनका भी नाम है। सीबीआई की यह चार्जशीट दिल्ली हाई कोर्ट के उस फ़ैसले के एक दिन बाद दाखिल की गई है जिसमें कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी को 24 अक्टूबर तक चिदंबरम से पूछताछ की अनुमति दी है। पूर्व वित्त मंत्री इसी मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ़्तार किए गए थे और वह न्यायिक हिरासत में हैं। 

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मई 2017 में सीबीआई ने एफ़आईआर दर्ज की थी। आरोप है कि 2007 में जब पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे तब नियमों को ताक पर रखकर आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश की मंज़ूरी दिलायी गयी थी। यह भी आरोप है कि कार्ति चिदंबरम ने अपने पिता पी. चिदंबरम के ज़रिए आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड से विदेशी निवेश की मंज़ूरी दिलाई थी। हालाँकि चिदंबरम सीबीआई के इन आरोपों को ख़ारिज़ करते रहे हैं। वह कहते रहे हैं कि इन कंपनियों के विदेशी निवेश के प्रस्तावों को मंज़ूरी देने में कोई भी गड़बड़ी नहीं की गयी है।

सीबीआई द्वारा 21 अगस्त को गिरफ़्तार किए जाने के बाद से चिदंबरम न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं। बुधवार को ही ईडी ने आईएनक्स मामले में ही मनी लाउंड्रिंग के आरोप में उन्हें गिरफ़्तार किया है। चिदंबरम ने ईडी के आरोपों को इनकार किया है। 

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बता दें कि आईएनएक्स मामले में सीबीआई और ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय, दो एजेंसियाँ चिदंबरम की गिरफ़्तारी में जुटी रही थीं। चिदंबरम ने गिरफ़्तारी से बचने के लिए पहले दिल्ली हाई कोर्ट में अग्रिम ज़मानत के लिए याचिका लगाई और जब यह ख़ारिज हो गई तब सुप्रीम कोर्ट में। सुप्रीम कोर्ट से भी तत्काल राहत नहीं मिलने पर सीबीआई ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया था, लेकिन ईडी गिरफ़्तार नहीं कर पाई थी।
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क़मर वहीद नक़वी
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