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SC से केंद्र बोला- 3500 करोड़ वसूली के लिए चुनाव तक कांग्रेस पर कड़ी कार्रवाई नहीं

आईटी विभाग से नोटिस मिलने के मामले में कांग्रेस को बड़ी राहत मिली है। केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने आश्वासन दिया है कि आने वाले लोकसभा चुनावों के कारण जुलाई 2024 तक क़रीब 3500 करोड़ रुपये की आयकर मांग को लेकर कांग्रेस के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 24 जुलाई 2024 को होगी।

केंद्र की ओर से भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस बीवी नागरत्ना और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के सामने यह संकल्प लिया है। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार पीठ दिल्ली हाईकोर्ट के 2016 के फ़ैसले के ख़िलाफ़ 2018 में कांग्रेस पार्टी द्वारा दायर एक नागरिक अपील पर सुनवाई कर रही थी। अपील में पार्टी ने मार्च में आयकर विभाग द्वारा जारी हालिया डिमांड नोटिस और उच्च न्यायालय के निष्कर्षों पर रोक लगाने की मांग करते हुए एक अंतरिम आवेदन दायर किया था।

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लोकसभा चुनाव 2024 का पहला चरण शुरू होने से कुछ हफ्ते पहले कांग्रेस पार्टी को आयकर विभाग से पांच साल (1994-95 और 2017- 2018 से 2020-21) के लिए नए नोटिस मिले हैं जिनमें 1,823 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया। इसके अलावा शनिवार को पार्टी को आयकर विभाग से आकलन वर्ष 2014-15 से 2016-17 के लिए 1,745 करोड़ रुपये की मांग का नोटिस मिला।

एक के बाद एक नोटिस 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले आईटी विभाग की छापेमारी के बाद आई है। कार्रवाई में कथित तौर पर 523.87 करोड़ रुपये के बेहिसाब लेनदेन का पता लगाने का दावा किया गया था।

नोटिस के जवाब में कांग्रेस ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर लोकसभा चुनाव से पहले उसे आर्थिक रूप से पंगु करने के लिए कर आतंकवाद में शामिल होने का आरोप लगाया।
कांग्रेस ने आयकर विभाग के कदम को चुनावों से पहले उसे वित्तीय रूप से दबाने का प्रयास बताया है। पार्टी ने कहा है कि यह चुनावों के लिए समान अवसर को रोक रहा है। इसने चुनाव आयोग से हस्तक्षेप करने का भी आग्रह किया है।

कांग्रेस के जयराम रमेश ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, 'बीजेपी कर आतंकवाद में लगी हुई है और कांग्रेस को आर्थिक रूप से कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।' पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने बीजेपी पर कर कानूनों का गंभीर उल्लंघन करने का आरोप लगाया। 

माकन ने आरोप लगाया था, "आयकर के जिन नियमों की आड़ में कांग्रेस को परेशान किया जा रहा है, उन्हीं नियमों को लेकर बीजेपी को छूट दी जा रही है। कांग्रेस का 14 लाख रुपए का वायलेशन बताकर 'बीजेपी के आयकर विभाग' ने कांग्रेस के 135 करोड़ रुपए ले लिए। लेकिन... बीजेपी को 42 करोड़ रुपए का चंदा देने वालों का न कोई नाम है, न कोई पता है, उसपर कोई एक्शन नहीं लिया।"

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उन्होंने आगे कहा, 'आयकर विभाग ने बीजेपी के 42 करोड़ रुपए के उल्लंघन पर तो आँख पर पट्टी बांध ली, लेकिन कांग्रेस के 14 लाख रुपए, जो कि हमारे 23 नेताओं ने दिए हैं, जिनके नाम और पते भी हैं, उसके आधार पर हमारे 135 करोड़ रुपए छीनकर ले गए।'

बता दें कि कर अधिकारियों ने पिछले वर्षों के बकाए के लिए पार्टी के खातों से 135 करोड़ रुपये की राशि निकाल ली थी।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चेतावनी दी थी कि जब सरकार बदलेगी तो यह सुनिश्चित करने के लिए अनुकरणीय कार्रवाई की जाएगी कि कोई दोबारा ऐसे कदम उठाने की हिम्मत न करे।

उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'जब सरकार बदलेगी तो लोकतंत्र को तार-तार करने वालों के खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। और ऐसी अनुकरणीय कार्रवाई की जाएगी कि कोई भी दोबारा यह सब करने की हिम्मत नहीं करेगा। यह मेरी गारंटी है।'

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कांग्रेस को आईटी नोटिस का यह मामला जब सोमवार को न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की अगुवाई वाली पीठ के सामने आया, तो सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी चुनाव के दौरान विपक्षी दल के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगी। उन्होंने कहा, 'उन्हें 2024 में 20 प्रतिशत का भुगतान करने का विकल्प दिया गया था, 135 करोड़ रुपये की वसूली की गई थी। 1,700 करोड़ की मांग बाद में की गई है। इसलिए, मामला बाद में उठाए गए 1,700 करोड़ रुपये से संबंधित है। इस पूरे मामले को चुनाव बाद के लिए तय किया जा सकता है। हम तब तक कोई कार्रवाई नहीं करेंगे।'

जब अदालत ने पूछा कि क्या केंद्र कर मांग को रोक रहा है, तो मेहता ने जवाब दिया, 'नहीं, हम सिर्फ यह कह रहे हैं कि हम चुनाव तक कोई कार्रवाई नहीं करेंगे।'

कांग्रेस की ओर से पेश होते हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि 'केंद्र ने संपत्तियों को कुर्क करके 135 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं। हम कोई लाभ कमाने वाला संगठन नहीं हैं, केवल एक राजनीतिक दल हैं।'

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क़मर वहीद नक़वी
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