लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका लगा है। जानिए, पार्टी के बैंक खाते पर कार्रवाई को रोकने के ख़िलाफ़ अपील पर आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण ने क्या कहा है।
कांग्रेस अपने बैंक खातों में जमा रुपये का इस्तेमाल नहीं कर पाएगी तो वह लोकसभा चुनाव कैसे लड़ पाएगी? बैंक खाते पर कार्रवाई को रोकने के लिए पार्टी द्वारा दायर की गई अपील को खारिज कर दिया गया है।
एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण यानी आईटीएटी ने शुक्रवार को कांग्रेस द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है। इसमें 210 करोड़ रुपये की कर मांग के विवाद को लेकर आयकर विभाग की वसूली और उनके बैंक खातों को फ्रीज करने की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
कांग्रेस की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने आदेश को 10 दिनों के लिए स्थगित रखने का अनुरोध किया ताकि कांग्रेस पार्टी उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सके। हालाँकि, पीठ ने इसे यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि उसके समक्ष ऐसा कोई प्रावधान या प्रार्थना नहीं है।
16 फरवरी को कांग्रेस ने कहा था कि कर मांग विवाद के संबंध में आईटी विभाग ने उसके बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं। यह आरोप लगाने के एक घंटे बाद ही खातों पर से रोक हटा दी गई और ये खाते चालू हो गए थे। लेकिन बाद में पार्टी ने कहा था कि भले ही खाते चालू कर दिए गए हैं, लेकिन कांग्रेस उन खातों में पड़े रुपये का इस्तेमाल नहीं कर पा रही है।
कांग्रेस ने तब कहा था, 'हमारी याचिका पर आयकर विभाग और आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण यानी आईटीएटी ने कहा है कि कांग्रेस को यह सुनिश्चित करना होगा कि 115 करोड़ रुपये बैंक खातों में जमा रहें। हम इस 115 करोड़ रुपये के अतिरिक्त ही खर्च कर सकते हैं। इसका मतलब है कि 115 करोड़ रुपये फ्रीज कर दिए गए हैं। विडंबना यह है कि हमारे चालू बैंक खातों में 115 करोड़ रुपये से काफ़ी कम पैसे ही हैं।'
हालाँकि कांग्रेस के बैंक खातों से जुड़ी कार्रवाई पर आयकर विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था, लेकिन सूत्रों के हवाले से कहा गया कि 'यह उन लोगों के खिलाफ एक नियमित प्रक्रिया थी, जिन्होंने वर्षों से आयकर बकाया का भुगतान नहीं किया है और आयकर विभाग ने वही किया जो वह एक सामान्य नागरिक के बकाये आयकर भुगतान पर करता।'
कांग्रेस का दावा है कि यह कदम राजनीति से प्रेरित है और रणनीतिक रूप से पार्टी की चुनाव तैयारियों को बाधित करने के लिए उठाया गया कदम है।
अजय माकन ने खाते फ्रीज किए जाने को लेकर दो वजहें बताई थीं। उन्होंने कहा था, 'कांग्रेस के बैंक खातों को क्यों सील किया गया, इसके कारण बहुत ही हास्यास्पद हैं। हमें 31 दिसंबर 2019 तक अपने अकाउंट्स जमा करने थे, लेकिन हमें कुछ देर हो गई। इस वजह से हमारे खातों को सील कर दिया गया। 2018-19 चुनाव का वक्त था, जिसमें कांग्रेस के 199 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इसमें हमारे विधायक और सांसद ने सिर्फ 14 लाख 40 हजार रुपए कैश में जमा किए थे, जो उनका वेतन था। इस वजह से कांग्रेस पर 210 करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगी दी गई है।'
माकन ने दावा किया कि 2018-19 के चुनावी वर्ष में पार्टी ने अपने खाते 45 दिन देरी से जमा किए, लेकिन खातों को फ्रीज करना आख़िरी उपाय है। उन्होंने तर्क दिया कि ऐसे मामले और उदाहरण हैं जहां ऐसी कार्रवाई नहीं की गई।
कुछ दिनों बाद ही पार्टी ने आरोप लगाया कि आयकर विभाग ने विभिन्न बैंकों में उसके खातों से अलोकतांत्रिक तरीके से 65 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं, जबकि पिछले वर्षों के उनके आईटी रिटर्न से संबंधित मामला अदालत में विचाराधीन है।