हरियाणा के कैमला में सरकार की ओर से आयोजित किसान महापंचायत को किसानों ने नहीं होने दिया। पुलिस फ़ोर्स की तैनाती के बीच ही किसान आंदोलनकारी कार्यक्रम के मंच पर पहुंच गए और उसे तहस-नहस कर दिया। निश्चित रूप से लोकतंत्र में इस तरह के हिंसक व्यवहार को जायज नहीं ठहराया जा सकता। लेकिन यह घटना बताती है कि बीजेपी के नेताओं के ख़िलाफ़ कितना ग़ुस्सा किसानों में है।