दक्षिणी ग़ज़ा में अमेरिका द्वारा फंडेड एक सहायता वितरण केंद्र के पास इसराइली सेना की गोलीबारी में कम से कम 30 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई और 115 से अधिक लोग घायल हो गए। यह घटना सुबह के समय हुई, जब हजारों फिलिस्तीनी सहायता केंद्र के पास जुटे थे। एक स्थानीय फिलिस्तीनी पत्रकार ने बीबीसी न्यूज को बताया कि इसराइली टैंकों ने भीड़ पर गोलीबारी की। मृतकों और घायलों के शवों को गधा-गाड़ियों के जरिए घटनास्थल से ले जाया गया, जो क्षेत्र की गंभीर मानवीय स्थिति को दिखाता है।

घायल फिलिस्तीनियों को राफाह के पास इस सुबह की कथित हमले के बाद नासर अस्पताल में लाया गया। हमास ने इस घटना की प्रतिक्रिया में राफाह में कार्यरत इसराइली सेनाओं पर भूखे नागरिकों के ख़िलाफ़ एक नया नरसंहार करने का आरोप लगाया। ये नागरिक कथित तौर पर 'मानवीय सहायता' वितरण स्थलों पर जुटे हुए थे। हमास ने इन स्थानों को 'सामूहिक मौत के जाल' करार दिया, न कि मानवीय राहत केंद्र।
यह घातक घटना तब हुई, जब कुछ घंटों पहले ही हमास ने ताज़ा अमेरिका समर्थित युद्धविराम प्रस्ताव का जवाब दिया था। हमास ने स्थायी युद्धविराम की आवश्यकता पर जोर दिया, जो लंबे समय से इजरायल के लिए विवाद का मुद्दा रहा है।
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ममता कर रही हैं तुष्टीकरण की राजनीति: अमित शाह 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तुष्टीकरण की राजनीति करने और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर गलत रुख अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर और वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करने के लिए ममता की आलोचना की। 

अमित शाह ने अपने भाषण में ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, 'ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल को घुसपैठ, भ्रष्टाचार, महिलाओं पर अत्याचार और हिंदुओं के साथ दुर्व्यवहार का केंद्र बना दिया है। टीएमसी सरकार के जाते ही जमीन के भीतर छिपे बीजेपी कार्यकर्ताओं के हत्यारों को बाहर निकालकर कठोर सजा दी जाएगी।' शाह ने कहा, 'ममता बनर्जी तुष्टीकरण की राजनीति के लिए वक्फ संशोधन विधेयक का भी विरोध कर रही हैं। वक्फ कानून में क्या गलत है? क्या पश्चिम बंगाल की जमीन को अवैध रूप से कब्जा करने की इजाजत दी जानी चाहिए?'

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टीएमसी का जवाब

ममता बनर्जी की पार्टी, तृणमूल कांग्रेस ने शाह के बयानों की कड़ी निंदा की है। टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने कहा, 'अमित शाह ने मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक और निम्न स्तर की भाषा का इस्तेमाल किया है। यह बीजेपी की हताशा को दिखाता है, क्योंकि वे बंगाल में अपनी राजनीतिक जमीन नहीं बना पा रहे हैं।' टीएमसी ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी धार्मिक आधार पर समाज को बांटने की कोशिश कर रही है और ममता बनर्जी के नेतृत्व में बंगाल की जनता एकजुट रहेगी।

पूर्वोत्तर में बाढ़, भूस्खलन से 28 लोगों की मौत

पिछले दो दिनों में पूर्वोत्तर भारत के अलग-अलग राज्यों में भारी बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन से कम से कम 28 लोगों की जान चली गई है। असम, अरुणाचल प्रदेश से लेकर मिज़ोरम तक में बाढ़ और भारी बारिश से जानमाल का नुक़सान हुआ है।

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, बांग्लादेश के ऊपर बने निम्न दबाव के कारण शुक्रवार को भारी बारिश हुई। इसके बाद पूरे क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

असम में राहत व बचाव कार्य।

अरुणाचल प्रदेश में हादसे

अरुणाचल प्रदेश में शुक्रवार रात नेशनल हाईवे 13 पर भूस्खलन के कारण एक गाड़ी खाई में गिर गई, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई। यह हादसा पूर्वी कामेंग जिले के बाना और सेप्पा के बीच हुआ। एक अन्य घटना में निचले सुबनसिरी जिले में भूस्खलन से दो लोगों की जान गई।
  

असम में बाढ़ और भूस्खलन

असम में गुवाहाटी शहर भारी बाढ़ से प्रभावित हुआ। बोंदा इलाके में भूस्खलन से पांच लोगों की मौत हो गई। शनिवार को गुवाहाटी और कामरूप जिले में स्कूल-कॉलेज बंद रहे। राज्य सरकार ने कर्मचारियों के लिए विशेष अवकाश की घोषणा की। शनिवार तक असम के 12 जिलों में बाढ़ का असर रहा और गोलाघाट और लखीमपुर में बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में तीन लोगों की जान गई।
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मिजोरम में स्थिति

मिजोरम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, शनिवार दोपहर तक राज्य में 113 जगहों पर भूस्खलन की खबरें आईं, जिसमें पांच लोगों की मौत हुई।

पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में प्रशासन सतर्क है और लोगों से सुरक्षित रहने की अपील की जा रही है। मणिपुर में तीन दिनों की लगातार भारी बारिश ने राज्य की राजधानी इम्फाल में रोजमर्रा की जिंदगी को ठप कर दिया है। शहर के कई हिस्सों में जलभराव की खबरें हैं। प्रशासन ने बाढ़ की चेतावनी जारी की है और इम्फाल नदी के किनारे रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।