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ओबीसी आरक्षण से जुड़ा संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित

लोकसभा ने संविधान संशोधन (127वां) विधेयक पारित कर दिया है। इस विधेयक के तहत राज्य सरकारों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण की सूची तैयार करने और अपने हिसाब से उन्हें आरक्षण देने का अधिकार मिल जाएगा। 

सरकार की ओर से सदन में रखे गए इस संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन विपक्ष के कांग्रेस, टीआरएस, टीएमसी, बसपा, सपा, एनसीपी ने भी किया।

इन दलों ने इस विधेयक का समर्थन करने के साथ ही 50 फीसदी आरक्षण की सीमा पर सवाल उठाए और इसे बढ़ाए जाने की माँग की। 

यूपी पर है नज़र?

अगले साल उत्तर प्रदेश समेत पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। यूपी की बीजेपी सरकार ओबीसी आरक्षण के लिए नई सूची जारी कर उन समुदायों को लुभाने की कोशिश कर सकती है, जिनके वोट इसे मोटे तौर पर नहीं मिलते रहे हैं। 

इसके अलावा इस विधेयक के पारित होने के बाद महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का रास्ता साफ हो सकता है। 

याद दिला दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने हालिया फ़ैसले में कहा था कि ओबीसी सूची बनाने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार को है, इससे मराठा आरक्षण की राह में अड़ंगा लग गया था।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने इसके बाद संविधान संशोधन की माँग की थी। 

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टीएमसी का आरोप

तृणमूल कांग्रेस के सदस्य कल्याण बनर्जी ने संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि राज्यों को और अधिकार मिलने चाहिए। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सही तथ्य सदन में नहीं रखे। उन्होंने कहा कि क्रीमी लेयर की अवधारणा सुप्रीम कोर्ट के इंदिरा साहनी केस से आई थी, किसी सरकार ने यह नहीं किया था।

loksabha passes constitution amendment bill on obc reservation  - Satya Hindi

समाजवादी पार्टी ने उठाया सवाल

समाजवादी पार्टी ने भी संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन किया, लेकिन 50 प्रतिशत की सीमा के प्रावधान पर सवाल उठाए और इसे बढाने की माँग की।

सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्यों को ओबीसी सूची बनाने का अधिकार देना अच्छा है, लेकिन 50 फ़ीसदी आरक्षण की सीमा को बढाया जाना चाहिए। 

उन्होंने बीजेपी पर जातियों में मतभेद फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने इसके साथ ही यह भी कहा कि यूपी में सपा की सरकार आएगी तो जातिगत जनगणना कराएगी।

बीएसपी का आरोप

बीएसपी सदस्य रीतेश पांडेय ने बीजेपी पर जातिगत राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सवर्णों और पिछड़े वर्गों के बीच आरक्षण की बात हो रही है, लेकिन पर्दे के पीछे नौकरियों को ख़त्म करने का खेल चल रहा है।

उन्होंने मायावती और कांशीराम द्वारा मंडल आयोग की सिफ़ारिशों को लागू करने के लिए किए गए संघर्ष की याद भी दिलाई।

'हर तीन साल पर क्रीमी लेयर की हो समीक्षा'

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात की थी। उन्होंने 50 फ़ीसदी आरक्षण की सीमा को लेकर आ रहे अवरोध को भी दूर करने की माँग की। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि हर तीन साल पर क्रीमीलेयर की समीक्षा की जानी चाहिए। 

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क़मर वहीद नक़वी
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