मेहुल चोकसी और उसका भतीजा नीरव मोदी, लंदन से प्रत्यर्पण का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है। दोनों पंजाब नेशनल बैंक के 13,500 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के आरोप में वांछित हैं।
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ऋण धोखाधड़ी मामले में वांछित भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के सूत्रों ने सोमवार सुबह इसकी पुष्टि की। 65 वर्षीय चोकसी को कथित तौर पर शनिवार को गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल जेल में है।
बेल्जियम पुलिस ने चोकसी को गिरफ्तार करते समय मुंबई की एक अदालत द्वारा उसके खिलाफ जारी किए गए दो ओपन-एंडेड गिरफ्तारी वारंट का हवाला दिया। ये 23 मई, 2018 और 15 जून, 2021 की तारीख के थे।
सूत्रों ने बताया कि वह खराब स्वास्थ्य और अन्य कारणों का हवाला देते हुए जमानत और तत्काल रिहाई की मांग कर सकता है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 2018 में बैंक को 13,500 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने के आरोप में वांछित हैं। देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक पीएनबी ने चोकसी, मोदी और उनकी फर्म गीतांजलि जेम्स के प्रबंध निदेशक सहित कई संस्थाओं के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की थी।
पंजाब नेशनल बैंक घोटाला जनवरी 2018 में सामने आया, जब पीएनबी ने अपनी मुंबई स्थित ब्रैडी हाउस शाखा में अनियमितताओं की शिकायत दर्ज की। जांच में पता चला कि मेहुल चोकसी और नीरव मोदी ने बैंक के कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर फर्जी लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के जरिए हजारों करोड़ रुपये का लोन लिया। ये लोन बिना किसी सिक्योरिटी के लिए गए और इसका कोई रिकॉर्ड बैंक के कोर सिस्टम में दर्ज नहीं किया गया।
एलओयू एक तरह का बैंक गारंटी पत्र होता है, जिसके आधार पर कोई व्यवसायी विदेशी बैंकों से लोन ले सकता है। इस मामले में, नीरव और चोकसी ने फर्जी एलओयू के जरिए विदेशी बैंकों से पैसा लिया और उसे अपने कारोबार में इस्तेमाल किया। जब इन लोनों का भुगतान करने का समय आया, तो दोनों देश छोड़कर फरार हो गए।
यह घोटाला 2011 से 2018 तक सात साल तक चला। नीरव मोदी की कंपनियों—फायरस्टार डायमंड, डायमंड्स आर अस, और स्टेलर डायमंड्स—तथा मेहुल चोकसी की गीतांजलि जेम्स ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन लिए। बैंक के कुछ कर्मचारी, जैसे गोकुलनाथ शेट्टी, इस साजिश में शामिल थे। उन्होंने स्विफ्ट सिस्टम (अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग संदेश प्रणाली) का दुरुपयोग किया, जिससे फर्जी लेनदेन को छिपाया गया।
शुरुआत में घोटाले का आंकड़ा 280 करोड़ रुपये बताया गया, लेकिन जांच बढ़ने पर यह 13,500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। कुछ अनुमानों के अनुसार, कुल नुकसान 14,000 करोड़ रुपये से भी अधिक हो सकता है।
मेहुल चोकसी, गीतांजलि जेम्स के मालिक और नीरव मोदी के मामा, इस घोटाले के मुख्य मास्टरमाइंड्स में से एक हैं। 2018 में घोटाला सामने आने से पहले ही वह 4 जनवरी को देश छोड़कर भाग गए। चोकसी पहले एंटीगुआ और बारबुडा चले गए, जहां उन्होंने वहां की नागरिकता हासिल कर ली। 2021 में, वह डोमिनिका में पकड़े गए, जब वह कथित तौर पर क्यूबा भागने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, कानूनी दांवपेच और उनकी पत्नी प्रीति चोकसी (बेल्जियम की नागरिक) की मदद से वह बेल्जियम पहुंच गए और वहां रेजिडेंसी कार्ड प्राप्त किया।
बेल्जियम में गिरफ्तारीः 12 अप्रैल 2025 को, बेल्जियम पुलिस ने चोकसी को एक अस्पताल से गिरफ्तार किया। भारतीय जांच एजेंसियां—सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)—उनके प्रत्यर्पण के लिए तेजी से काम कर रही हैं। हाल की खबरों के अनुसार, भारत ने बेल्जियम के साथ प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह आसान नहीं होगा। चोकसी के पास यूरोप के बेहतरीन वकील हैं, और वह पहले भी कानूनी खामियों का फायदा उठा चुके हैं।
प्रत्यर्पण की चुनौतियांः बेल्जियम के सख्त प्रत्यर्पण कानून और चोकसी की वहां की रेजिडेंसी स्थिति भारत के लिए बाधा बन सकती है। इसके अलावा, चोकसी ने स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देकर पहले भी प्रत्यर्पण को टाला है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रक्रिया महीनों या सालों तक खिंच सकती है।
नीरव मोदी, जिन्हें "डायमंड किंग" के नाम से जाना जाता था, इस घोटाले का दूसरा प्रमुख चेहरा हैं। वह अपने आलीशान जूलरी ब्रांड और बॉलीवुड सितारों के साथ रिश्तों के लिए मशहूर थे।
फरारी और गिरफ्तारीः नीरव ने 1 जनवरी 2018 को भारत छोड़ा और लंदन चले गए। मार्च 2019 में, लंदन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया। तब से वह लंदन की वैंड्सवर्थ और थेमसाइड जेलों में बंद हैं।
प्रत्यर्पण की स्थितिः ब्रिटेन की अदालतों ने नीरव के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। 2021 में, वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, और भारत की जेलें (मुंबई का आर्थर रोड जेल) उनके लिए उपयुक्त हैं। 2023 में, ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अपील खारिज कर दी। अब यह मामला ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास है, जिनके हस्ताक्षर के बाद प्रत्यर्पण संभव है। हालांकि, नीरव ने मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या के जोखिम का हवाला देकर नई अपीलें दायर की हैं, जिससे प्रक्रिया में देरी हो रही है।
वित्तीय स्थितिः एक समय 11,000 करोड़ रुपये की संपत्ति का मालिक नीरव आज कंगाल हो चुका है। उनकी कंपनी फायरस्टार डायमंड के खाते में मात्र 236 रुपये बचे हैं। लंदन में उन पर 1.47 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगा, जिसे वह चुका नहीं पाए। उनकी संपत्तियों को बेचकर पीएनबी का कुछ कर्ज वसूलने की कोशिश की जा रही है।
घोटाले के असली राज़: क्या अब खुलेगा पर्दाः मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी ने इस घोटाले के कई अनसुलझे सवालों को फिर से हवा दी है। क्या इस घोटाले में और लोग शामिल थे? क्या राजनीतिक संरक्षण ने इसे इतने साल तक चलने दिया? ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब अब तक नहीं मिले।
जांच की प्रगतिः सीबीआई और ईडी ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें पीएनबी के कर्मचारी और नीरव-चोकसी की कंपनियों के अधिकारी शामिल हैं। ईडी ने अब तक 1,873 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है, और 9,371 करोड़ रुपये बैंकों को वापस किए गए हैं। हाल ही में, नीरव की बहन पूर्वी मोदी को सरकारी गवाह बनाया गया, जिससे जांच को नई दिशा मिल सकती है।
सियासी कोणः सोशल मीडिया पर इस घोटाले को लेकर कई दावे वायरल हुए हैं, जैसे नीरव का बीजेपी नेताओं से कथित संबंध। हालांकि, इन दावों को फर्जी साबित किया गया है। फिर भी, विपक्षी दल इस मामले को सरकार की नाकामी के रूप में उठाते रहे हैं।