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धनखड़-मोदी आहत, अपने मजाक को क्यों याद कर रहे प्रधानमंत्री?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को फोन किया और संसद परिसर में कुछ सांसदों के व्यवहार पर निराशा व्यक्त की। मोदी ने उन्हें बताया कि किस तरह लंबे समय से उनका मजाक उड़ाया जा रहा है।  मोदी का फोन मंगलवार को संसद के बाहर सीढ़ियों पर विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के दौरान तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा धनखड़ का मजाक करने के एक दिन बाद धनखड़ को आया है। सांसद अपने निलंबन का विरोध कर रहे थे और इसकी कड़ी निंदा हो रही थी। 

हालांकि देश में नेताओं का मजाक उड़ाने या कॉर्टून बनाने पर कोई रोक नहीं है। लेकिन पिछले दस वर्षों में नेताओं पर मजाकिया टिप्पणी करने, कॉर्टून बनाने पर एफआईआर दर्ज हो रही है। ऐसा नहीं है कि मोदी या धनखड़ के खिलाफ ही सारे कॉमेडियन और कॉर्टूनिस्ट सक्रिय हैं। प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद से लेकर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और डॉ मनमोहन सिंह के खिलाफ तो काफी मजाक प्रचलित रहे हैं। डॉ मनमोहन सिंह के खिलाफ स्तरहीन मजाक भी किए गए। लेकिन ये सारे नेता कभी मोदी और धनखड़ की तरह आहत नहीं नजर आए।


संसद के बाहर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति की नकल उतारी और उस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उसका वीडियो बनाते देखा गया। उपराष्ट्रपति और भाजपा इस घटना से कुछ ज्यादा ही आहत नजर आए। दोनों ने इसकी निन्दा करते हुए इसे राष्ट्रीय मुद्दा भी बनाना चाहा। इसकी आड़ में 141 सांसदों को निलंबित करने के सवाल को दबाने की पूरी कोशिश हुई।
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ट्विटर पर (एक्स) उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का टेलीफोन आया था। उन्होंने कुछ माननीय सांसदों की कल (मंगलवार) संसद परिसर में घृणित नाटकीयता पर बहुत दुख व्यक्त किया।" उपराष्ट्रपति के मुताबिक पीएम मोदी ने उन्हें फोन पर बताया कि "वह बीस वर्षों से इस तरह के अपमान सह रहे हैं और अभी भी सह रहे हैं, लेकिन यह तथ्य कि उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक कार्यालय और वह भी संसद में ऐसा हो सकता है, दुर्भाग्यपूर्ण है।"

धनखड़ का मोदी को जवाब

इसके जवाब में उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि ऐसी घटनाएं उन्हें अपना कर्तव्य निभाने से नहीं रोकेंगी। धनखड़ ने लिखा-  "मैंने उनसे कहा- श्रीमान प्रधान मंत्री, कुछ लोगों की हरकतें मुझे अपना कर्तव्य निभाने और हमारे संविधान में निहित सिद्धांतों को बनाए रखने से नहीं रोकेंगी। मैं अपने दिल की गहराई से उन मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध हूं। धनखड़ ने कहा, ''कोई भी अपमान मुझे अपना रास्ता बदलने पर मजबूर नहीं कर पाएगा।''

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पीएम मोदी अपने बयानों के लिए भी विपक्ष के मजाक का पात्र बने हुए हैं। नाले से गैस निकालकर चाय बनाने वाला उनका वीडियो आज भी सोशल मीडिया पर नजर आता है। नोटबंदी के बाद शादी के लिए लोगों के घरों में पैसे न होने के बारे में उनका अंदाज आज भी लोगों को चुभता है और वो वीडियो लोग शेयर करते हैं। नोटबंदी की नाकामी पर चौराहे वाला बयान लोग आज भी याद करते हैं और वो मजाक की तरह अब लिया जाता है। 15 लाख हर भारतीय के खाते में शेयर करने वाली बात को उन्हीं के नंबर 2 अमित शाह ने इंटरव्यू में जुमला बता दिया था। उस जुमले को कॉमेडियन, जनता और सोशल मीडिया यूजर आजतक नहीं भूले और उसकी चर्चा किसी न किसी बहाने जारी रहती है।

धनखड़ की मिमिक्री अपराध नहीं

उपराष्ट्रपति धनखड़ की मिमिक्री संसद के बाहर हुई। लेकिन आखिर उस मिमिक्री में आपत्तिजनक क्या है। उसमें धनखड़ के सामान्य शिष्टाचार को मजाक के अंदाज में पेश किया गया है। देश में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का पद प्रधानमंत्री से ऊपर है। लेकिन जनता के सामने जब इन दोनों के शिष्टाचार के फोटो सामने आते हैं तो लोगों को सोचना पड़ता है। सोशल मीडिया पर ऐसे फोटो की भरमार है, जिनमें प्रधानमंत्री सामान्य ढंग से खड़े हैं लेकिन उनके सामने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति हाथ जोड़कर खड़े हैं। जवाब में मोदी का शिष्टाचार नहीं दिख रहा है। ऐसे में इन फोटो से क्या संदेश मिलता है। अगर इन फोटो या वीडियो को नेता या आम जनता फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर (एक्स) पर शेयर करते हैं तो क्या गलत करते हैं। अगर ये सब अपराध की श्रेणी में आता है तो भारत सरकार को एक कानून बनाकर नेताओं की मिमिक्री करने पर बैन लगा देना चाहिए। लेकिन नेताओं के इन बयानों पर रोक लगाने के लिए कब कानून बनेगा, जब वो किसी महिला के लिए कहते हैं- 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड...कांग्रेस की विधवा........शूर्पणखा...आदि।
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क़मर वहीद नक़वी
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