विपक्षी दल नये कृषि विधेयक के ख़िलाफ़ लड़ाई संसद में लड़ रहे हैं, लेकिन अब सड़कों पर लड़ने की तैयारी है। किसान छिटपुट प्रदर्शन कर रहे थे, पर अब किसान संगठन देश भर में एक साथ विरोध में उतरेंगे। ट्रेड यूनियन भी साथ आएँगी। कांग्रेस से लेकर पश्चिम बंगाल की तृणमूल, लेफ़्ट फ्रंट, दिल्ली की आम आदमी पार्टी, तमिलनाडु की पार्टी डीएमके, सब इन कृषि विधेयकों पर सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलेंगी। यानी सरकार को देश भर में भारी विरोध झेलना पड़ेगा। यह देशव्यापी प्रदर्शन गुरुवार से होगा और इसका नेतृत्व कांग्रेस करेगी। शुक्रवार को इस प्रदर्शन के काफ़ी तेज़ होने के आसार हैं। संसद में विरोध को 'मैनेज' कर रही मोदी सरकार सड़क पर इस साझे विरोध का सामना कैसे कर पाएगी?