सीएए को अब अधिसूचित किए जाने को विपक्षी दलों ने बीजेपी की वोट बैंक की राजनीति और इलेक्टोरल बॉन्ड के खुलासे पर पर्दा डालने का प्रयास बताया है। कांग्रस ने कहा है कि 'सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री के सफ़ेद झूठ की एक और झलक है।'
सीएए अधिसूचना इलेक्टोरल बॉन्ड घोटाले पर हेडलाइन मैनेज करने का प्रयास: विपक्ष
- देश
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- सत्य ब्यूरो
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- 11 Mar, 2024
नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए को पाँच साल पहले क़ानून बनाया गया था? तो अब क्यों लागू किया गया? वह भी उस दिन जिस दिन इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगने के दिन? जानिए, विपक्ष ने क्या कहा।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा है, 'नियमों की अधिसूचना के लिए नौ बार एक्सटेंशन मांगने के बाद घोषणा करने के लिए जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना गया है। ऐसा स्पष्ट रूप से चुनाव को ध्रुवीकृत करने के लिए किया गया है, विशेष रूप से असम और बंगाल में। यह इलेक्टोरल बॉन्ड घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और सख़्ती के बाद हेडलाइन को मैनेज करने का प्रयास भी प्रतीत होता है।'
दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए। प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार बिल्कुल प्रोफेशनल ढंग से और समयबद्ध तरीक़े से काम करती है। सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) March 11, 2024