जिस करतारपुर गलियारे को लेकर पाकिस्तान पहले बढ़चढ़ कर दावे कर रहा था अब उसी ने इसमें अड़ंगा डालना शुरू कर दिया है। दरअसल, इस गलियारे को चालू करने पर पाकिस्तान तरह-तरह की आनाकानी कर रहा है, वह भारत के तमाम प्रस्तावों को या तो पूरी तरह खारिज कर रहा है या कड़ी शर्तें थोप रहा है। इसके अलावा इसी परियोजना से जुड़े पुल निर्माण से भी वह पीछे हट रहा है। इसीलिए सिखों के सबसे पवित्र धर्म स्थलों में से एक पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत से जोड़ने वाला करतारपुर गलियारा एक बार फिर ख़बरों में है। इस पर अब यह सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि चमकाने के लिए पहले इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखा दी थी?