प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन दिन पहले ही स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में हो रहे डेमोग्राफिक बदलाव पर गहरी चिंता व्यक्त की। पीएम ने कहा कि अवैध घुसपैठ के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसंख्या का संतुलन बिगड़ रहा है, जिससे भूमि पर कब्जा, महिलाओं की सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा पैदा हो रहा है। तो क्या सच में ऐसा है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसंख्या का संतुलन बिगड़ रहा है? सरकार द्वारा कराई गई जनगणना के आँकड़े क्या सीमावर्ती राज्यों में इस संतुलन बिगड़ने के दावे की पुष्टि करते हैं?