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पीएम मोदी अब जाएंगे फ्रांस, बड़ी डिफेंस डील का माहौल बन रहा है

पीएम मोदी अब फ्रांस की यात्रा पर जाने वाले हैं और उससे पहले फ्रांस से एक बड़ी रक्षा डील होने की उम्मीद जताई जा रही है। हिन्दुस्तान टाइम्स ने आज रविवार को खबर दी है कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने डिफेंस कंपनी ''सफरान'' (Safran) को एक ऐसे इंजन को भारत के साथ संयुक्त रूप से डिजाइन, विकसित, परीक्षण, निर्माण करने के लिए हरी झंडी दिखा दी है जो भारत की जुड़वां इंजन तकनीक में लड़ाकू विमान (एएमसीए) को ताकत देगी। पीएम मोदी अभी जब अमेरिका गए थे तो वहां उस समय भारत ने जनरल इलेक्ट्रिक के GE-414 इंजन की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का समझौता किया था। लेकिन फ्रांस से अब होने जा रही डील अमेरिका के GE-414 इंजन तकनीक से बहुत आगे की है।

हालांकि मोदी सरकार फिलहाल इस रक्षा सौदे के बारे में चुप्पी साधे हुए है। लेकिन आधिकारिक सूत्रों ने हिन्दुस्तान टाइम्स को पुष्टि की है कि फ्रांसीसी सफरान द्वारा प्रस्तावित तकनीक का 100% ट्रांसफर यूएस इंटरनेशनल ट्रेड इन आर्म्स रेगुलेशन (आईटीएआर) से मुक्त है। प्रस्तावित 110 किलो का न्यूटन इंजन पूरी तरह से मेड इन इंडिया होगा। हालांकि तकनीक फ्रांस की होगी।
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सफरान पहले से ही फ्रांस की अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान 125 केएन इंजन पर काम कर रहा है। सफरान इंजन एचएएल द्वारा बनाए गए हेलीकॉप्टरों को शक्ति प्रदान करते हैं और बताया जाता है कि दोनों कंपनियां भारतीय बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टरों के लिए संयुक्त रूप से इंजन विकसित करने पर सहमत हुई हैं।
डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने हाल ही में संपन्न 2023 पेरिस एयर शो के मौके पर पेरिस के पास सफरान इंजन फैक्ट्री और आर एंड डी केंद्र का खासतौर पर दौरा किया था। सूत्रों ने बताया कि अब रक्षा मंत्री और फ्रांस के साथ एनएसए के नेतृत्व वाली रणनीतिक वार्ता के तहत इंजन प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है।
पीएम नरेंद्र मोदी 13 जुलाई की दोपहर को फ्रांस के बैस्टिल दिवस समारोह में शामिल होने के लिए पेरिस पहुंचेंगे। बैस्टिल डे 14 जुलाई को है। 13 जुलाई को ही पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रोन के बीच द्विपक्षीय बातचीत हो सकती है। बता दें कि भारतीय वायु सेना का राफेल लड़ाकू विमान 14 जुलाई को बैस्टिल डे फ्लाई-पास्ट में भाग लेगा। 
अमेरिकी और फ्रांसीसी पेशकश में फर्क ये है कि अमेरिका के साथ GE-414 इंजन तकनीक को बनाने और आकार देने में भारत को कम से कम दस साल लगेंगे। जबकि इसके मुकाबले फ्रांसीसी सफरान पूरी तरह नया इंजन, नई डिजाइन, सारी आपूर्ति श्रृंखलाओं का गुप्त अनुपालन और भारत में स्थित फौरन निर्माण शामिल है। दोनों के रेट में भी काफी फर्क है। अमेरिकी जेट इंजन सौदे की कीमत अमेरिकी डॉलर के संदर्भ में प्रति इंजन बेहद प्रतिस्पर्धी होगी। जबकि सफरान पूर्ण डिजाइन और सॉफ्टवेयर टूल के साथ भारत में गैस टरबाइन प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टत केंद्र स्थापित करेगी।
सफरान कंपनी ए320 और बोइंग 737 विमानों के लिए मरम्मत और इंजनों को ओवरहाल (एमआरओ) करने के लिए हैदराबाद में अपनी फैसिलिटी भी स्थापित करेगा। वहां बनने वाला इंजन राफेल लड़ाकू विमान को भी ताकत देगा। 
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अकेले एयर इंडिया को एयरबस और बोइंग से बड़े पैमाने पर विमान खरीदने के लिए लगभग 800 LEAP इंजनों की आवश्यकता है। समझा जाता है कि सफरान की पेशकश में लीप इंजनों के लिए क्रिस्टल ब्लेड तकनीक देना शामिल है।

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क़मर वहीद नक़वी
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