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राहुल का तंज : इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण, पर पूरी तरह खोखला

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने इस दूसरे बजट-2020 को लेकर निशाने पर आ गई हैं। सबसे लंबा भाषण देकर इतिहास तो रचा, लेकिन इसी को लेकर वह निशाने पर आ गई हैं। कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने निर्मला सीतारमण के लंबे भाषण को लेकर तंज कसा और कहा कि शायद इतिहास में यह सबसे लंबा बजट भाषण था लेकिन इसमें कुछ नहीं था, यह पूरी तरह खोखला था।

राहुल गाँधी ने यह भी कहा कि 'सबसे प्रमुख मुद्दा है बेरोज़गारी का। मुझे इसमें (बजट में) कोई नीतिगत विचार नहीं दिखता है जो युवाओं को नौकरी पाने में मदद करेगा। मैं इसमें कोई केंद्रीय विचार नहीं देखता हूँ बल्की 'चालाकी' देखता हूँ। यह सरकार की सही तरीक़े से व्याख्या करता है, बार-बार दोहराव, उलझाने वाला सरकार का माइंडसेट, सिर्फ़ बातें लेकिन काम कुछ नहीं।'

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बता दें कि क़रीब पौने तीन घंटे लंबे बजट भाषण के आख़िर में गला ख़राब होने की वजह से निर्मला सीतारमण आखिरी दो- तीन पेज पढ़ भी नहीं पाईं और उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति से उसे पढ़ा मानकर सदन के पटल पर रख दिया। उन्होंने अपना भाषण सुबह 11 बजे शुरू किया था और यह 1 बजकर 40 मिनट तक चला यानी क़रीब 2 घंटे 40 मिनट तक।

इससे पहले 2019 में भी सीतारमण ने लंबा बजट भाषण पढ़ा था जो 2 घंटे 17 मिनट तक चला था। उनसे पहले सबसे ज़्यादा लंबा भाषण जसवंत सिंह ने 2003 में तब दिया था जब वह 2 घंटे 15 मिनट तक बजट भाषण पढ़ा था।

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बीजेपी सरकार ने इसे देश को नई ऊँचाइयों पर ले जाने वाला बजट बताया है तो विपक्ष ने इसे निराश करने वाला बजट बताया है। हालाँकि आयकर स्लैब में बदलाव से मध्यम वर्ग के लिए राहत मिलने वाली ख़बर है। शेयर बाज़ार ने 5 ट्रिलियन डॉलर के मोदी सरकार के ‘सपने’ के प्रति संशय व्यक्त किया है। जब निर्मला सीतारमण का भाषण पूरा हो रहा था तभी शेयर बाज़ार में 600 अंकों की गिरावट आ गई थी। यानी शेयर बाज़ार निराश था। कुछ ऐसी ही राय अर्थशास्त्रियों की भी है। बजट को लेकर ज़्यादा उत्साह नहीं है। 
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क़मर वहीद नक़वी
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