जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिन के मौके पर संसद में होने वाले कार्यक्रम में न तो लोकसभा के स्पीकर मौजूद थे न राज्यसभा के अध्यक्ष और न ही कोई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री। देश के पहले प्रधानमंत्री के जन्मदिन 14 जनवरी को हर साल संसद में एक कार्यक्रम होता है। इस बार  के कार्यक्रम से दोनों सदनों के प्रमुख दूर रहे। 

मुख्य विपक्षी दल  कांग्रेस ने इस पर सरकार की तीखी आलोचना की है। 
राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने ट्वीट किया,"जिनकी तसवीर सेंट्रल हॉल को सुशोभित करती है, उनकी जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित पारंपरिक समारोह में आज संसद में असाधारण दृश्य देखने को मिला। लोकसभा स्पीकर अनुपस्थित थे। चेयरमैन अनुपस्थित थे। एक भी मंत्री मौजूद नहीं। क्या इससे ज्यादा भी कुछ नृशंस हो सकता है?"
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट कर कहा, "मुझे अब कुछ भी आश्चर्यचकित नहीं करता। यह सरकार एक दिन में संसद समेत भारत की महान संस्थानों को नष्ट कर रही है।"
सेंट्रल हॉल में रविवार को आयोजित समारोह में केंद्रीय लघु उद्योग राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने भाग लिया। इसके अलावा, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और अन्य सांसद मौजूद थे।

संसद भवन के सेंट्रल हॉल में नेहरू के चित्र का अनावरण भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ एस राधाकृष्णन ने 5 मई, 1966 को किया था।
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नेहरू पर हमलावर सरकार


पर्यवेक्षकों का कहना है कि इससे सत्तारूढ़ दल की उदासीनता जाहिर होती है। मौजूदा सरकार और विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी जवाहरलाल नेहरू पर लगातार हमले करते रहे हैं और यह साबित करने की कोशिश करते रहते हैं कि देश की समस्याएं पहले प्रधानमंत्री की वजह से है।

इसके अलावा बीजेपी की साइबर सेना के लोग नेहरू पर निजी हमले करने से भी नहीं चूकते। ज़्यादातर हमले बेसिर पैर के होते हैं या तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किए जाते हैं। ऐसे में नेहरू के जन्म दिन पर होने वाले कार्यक्रम में सरकारी दल के लोगों की गैरमौजूदगी आश्चर्यजनक नहीं है। 

विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी के नेताओं को कम से कम औपचरिकता का ख्याल रखना चाहिए था। 

एन. वी. रमना, मुख्य न्यायाधीश

मुख्य न्यायाधीश ने नेहरू को किया याद


दूसरी ओर, नेहरू जन्म  दिन के मौके पर मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना ने रविवार को एक कार्यक्रम में कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली में घसीटे जाने वाले बच्चों की मदद की जानी चाहिए। 

उन्होंने भारत के पहले प्रधानमंत्री को उनकी जयंती पर याद करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "आज जवाहरलाल नेहरू की जयंती पूरे देश में मनाई जा रही है. बाल दिवस पर, यह उचित है कि हम योजनाएं शुरू कर रहे हैं जो मुख्य रूप से बच्चों के लिए कानूनी सहायता को लक्षित हैं।"