क्या इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारियों और इसके आँकड़ों को चुनाव आयोग ने नहीं रखा है? जब सुप्रीम कोर्ट ने उससे जानकारी मांगी तो उसने आख़िर ऐसा क्यों कह दिया कि 2019 के बाद से उसके पास इसकी जानकारी नहीं है? ये सवाल इसलिए भी काफी अहम हैं कि चुनाव आयोग के पास आँकड़े तब नहीं हैं जब सुप्रीम कोर्ट ने उसे 2019 में ही आँकड़े रखने के लिए कहा था। चुनावी बॉन्ड की पारदर्शिता पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
चुनाव आयोग ने 2019 के बाद नहीं रखे चुनावी बॉन्ड के आँकड़े?
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- 1 Nov, 2023
इलेक्टोरल बॉन्ड पर पहले सरकार ने कह दिया था कि लोगों को यह जानने का अधिकार नहीं है और अब चुनाव आयोग ने कह दिया है कि इस पर उसके पास आँकड़े ही नहीं है। जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा।

चुनावी बॉन्ड को लेकर ऐसी अजीबो-गरीब स्थिति को देखते हुए ही कई याचिकाएँ दाखिल की गई हैं और सरकार की मंशा पर सवाल उठाया गया है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने मंगलवार को उन याचिकाओं की जांच शुरू की, जिन्होंने चुनावी बॉन्ड योजना को एक अपारदर्शी प्रणाली बताते हुए राजनीतिक दलों के चंदे के ब्योरे तक पहुंच के अधिकार की मांग की है। याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि यह चुनावी बॉन्ड चुनावों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है।