जिस 2002 के गुजरात दंगा मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी ने सभी आरोपियों को क्लीन चिट दी थी उस मामले में फिर से सुनवाई शुरू हुई है। यह सुनवाई ज़ाकिया जाफरी और 'सिटिज़न फोर जस्टिस एंड पीस' नाम की संस्था द्वारा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर हो रही है। जाकिया ने गुजरात दंगे में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य अधिकारियों को एसआईटी की ओर से दी गई क्लीन चिट के ख़िलाफ़ याचिका दायर की है। जाकिया दिवंगत कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी हैं। एहसान की अहमदाबाद में गुलबर्ग सोसाइटी में हत्या कर दी गई थी।
गुजरात दंगा- सीधे दखल देने के लिए दो मंत्री पुलिस कंट्रोल रूम में थे: जाकिया के वकील
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- 11 Nov, 2021
गुजरात दंगे में क्लीन चिट को आख़िर किस आधार पर ज़ाकिया जाफरी ने चुनौती दी है? क्या सुप्रीम कोर्ट में उनकी दलीलें टिक पाएँगी?

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को लगातार दूसरे दिन सुनवाई हुई। ज़ाकिया की तरफ़ से पेश वकील कपिल सिब्बल ने एसआईटी जाँच और इसकी क्लोजर रिपोर्ट पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 2002 के गुजरात दंगे के दौरान हिंसा फैलाने में पुलिस की मिलीभगत के साथ प्रशासन की निष्क्रियता और साज़िश भी शामिल थी। हालाँकि उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर किसी का नाम नहीं लिया।