समलैंगिक विवाह मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने सरकार के उस तर्क पर बड़ा सवाल खड़ा किया है जिसमें उसने दावा किया था कि समलैंगिक शादी 'शहरी संभ्रांतवादी' विचारों को प्रतिबिंबित करती हैं। सीजेआई चंद्रचूड़ ने बुधवार को कहा कि सरकार का कोई ऐसा आँकड़ा नहीं कि समलैंगिक विवाह शहरी या ऐसा ही कुछ और है। केंद्र ने पहले कहा था कि यह 'मात्र शहरी संभ्रांतवादी दृष्टिकोण' है।
सुप्रीम कोर्ट सुनवाई - सरकार के दावे में कितना दम कि समलैंगिकता शहरी विचार?
- देश
- |
- 19 Apr, 2023
समलैंगिक विवाह को मान्यता मिलेगी या नहीं, इस पर सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने सरकार के तर्कों पर तीखे सवाल किए। जानिए, आज किस पक्ष ने क्या तर्क रखे।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, 'यह दिख रहा है इस लिहाज से अधिक शहरी हो सकता है क्योंकि शहरी क्षेत्रों में अधिक लोग सामने आ रहे हैं।' सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस रवींद्र भट, जस्टिस हेमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की एक संविधान पीठ भारत में समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने वाली याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई कर रही थी।