सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की कार्यवाही पर रोक क्यों लगाई? जानिए, इस केस में अब आगे क्या होगा।
कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में मंत्री कुंवर विजय शाह के ख़िलाफ़ विशेष जाँच दल ने अपनी जांच शुरू कर दी है। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में चल रही कार्यवाही को बंद कर दिया और शाह की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक को भी बढ़ा दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्य कांत और एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने इस मामले में सुनवाई की। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में चल रही कार्यवाही को ख़त्म किया जा रहा है क्योंकि एसआईटी ने अपनी जांच शुरू कर दी है। कोर्ट को बताया गया कि एसआईटी में तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को शामिल किया गया है। ये अधिकारी जो मध्य प्रदेश के बाहर से हैं ताकि जांच निष्पक्ष हो।
यह विवाद तब शुरू हुआ था जब मई 2025 में कुंवर विजय शाह ने कथित तौर पर कर्नल सोफिया कुरैशी के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। कर्नल सोफिया ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में मीडिया को संबोधित किया था और विजय शाह ने इसी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस बयान की व्यापक निंदा हुई और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस जांच की निगरानी का आदेश दिया था। इसके ख़िलाफ़ शाह सुप्रीम कोर्ट चले गए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई को शाह की माफी को खारिज करते हुए इसे बचने का तरीका करार दिया था और एसआईटी गठन का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि शाह का बयान घृणित है और इससे पूरा देश शर्मिंदा हुआ है।
एसआईटी को 28 मई तक अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया था और अब जांच शुरू हो चुकी है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि एसआईटी ने अपनी प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है और इसकी रिपोर्ट जल्द पेश की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने शाह की गिरफ्तारी पर लगी अंतरिम रोक को जारी रखने का फ़ैसला किया।
इस मामले ने मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। विपक्षी नेता और कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ने सुप्रीम कोर्ट के एसआईटी गठन के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम न्याय की दिशा में अहम है। वहीं, कुछ सोशल मीडिया पोस्टों में यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस मामले के बाद राज्य सरकार शाह से इस्तीफा मांग सकती है। हालाँकि, इस दिशा में कोई आधिकारिक बयान अभी तक सामने नहीं आया है।
एसआईटी की जांच के नतीजे इस मामले में अगला अहम क़दम होंगे। अगर जांच में शाह के ख़िलाफ़ ठोस सबूत मिलते हैं तो उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई और सख्त हो सकती है। शाह की गिरफ्तारी पर रोक उनके लिए फिलहाल राहत की बात है, लेकिन यह मामला उनकी राजनीतिक छवि पर असर डाल सकता है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख और निष्पक्ष जांच की मांग न केवल कानूनी प्रक्रिया को मजबूत करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि सार्वजनिक जीवन में जवाबदेही कितनी अहम है।