क्या समलैंगिक विवाह को मान्यता दिए जाने के फ़ैसले पर फिर से विचार होगा? इस पर 10 जुलाई को विचार किया जाएगा कि ऐसा किया जाए या नहीं। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच 10 जुलाई को बैठेगी और उन समीक्षा याचिकाओं पर विचार करेगी जिनमें समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले की समीक्षा की मांग की गई है।
समलैंगिक विवाह फैसले पर पुनर्विचार होगा या नहीं? 10 जुलाई को निर्णय
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- 6 Jul, 2024
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संसद को समलैंगिक विवाह लाने पर निर्णय लेना चाहिए। इसने विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के प्रावधानों को रद्द करने या उसमें बदलाव करने से इनकार कर दिया था।

पिछले साल अक्टूबर में पाँच जजों की बेंच ने बहुमत से कहा था कि विधायिका को समलैंगिक विवाह लाने पर निर्णय लेना चाहिए। यानी संसद इस पर क़ानून बना सकती है। हालाँकि सभी पांच जज इस बात से सहमत थे कि शादी करने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है और बहुमत के फ़ैसले में अदालत ने समलैंगिक विवाह के ख़िलाफ़ फैसला सुनाया।