किसान आन्दोलन से जुड़े टूलकिट बनाने और उसे शेयर करने के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता शांतनु मुलुक को अग्रिम ज़मानत मिल गई है। बंबई हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने उन्हें यह ज़मानत दी है। मुलुक पर यह टूलकिट बनाने और दूसरों को भेजने का आरोप है। मुलुक ने इसके ख़िलाफ़ अग्रिम ज़मानत की अर्जी अदालत में दाखिल की गई थी।
टूलकिट मामला : शांतनु मुलुक को अग्रिम ज़मानत
- देश
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- 16 Feb, 2021
किसान आन्दोलन से जुड़े टूलकिट बनाने और उसे शेयर करने के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता शांतनु मुलुक को अग्रिम ज़मानत मिल गई है। बंबई हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने उन्हें यह ज़मानत दी है।

इस मामले में निकिता जैकब की याचिका पर सुनवाई बुधवार को होगी।
कौन है शांतनु मुलुक?
महाराष्ट्र के बीड में जन्मे शांतनु मुलुक मूल रूप से एअरोनॉटिकल इंजीनियर हैं। लेकिन उन्होंने इंजीनियर की वह नौकरी छोड़ दी और एक ग़ैरसरकारी संगठन से जुड़ गए। पुलिस का कहना है कि उन्होंने गूगल डॉक्यूमेंट पर टूलकिट बनाने में निकिता जेकब और दिशा रवि की मदद की थी।
इस मामले की दूसरी अभियुक्त दिशा रवि पुलिस हिरासत में हैं। उन्हें रविवार को पाँच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया।
इस मामले की दूसरी अभियुक्त दिशा रवि पुलिस हिरासत में हैं। उन्हें रविवार को पाँच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया।