यौन उत्पीड़न की शिकायत करना, इसकी जाँच की मांग करना या फिर आरोपी पर कार्रवाई की मांग करना क्या देश की छवि को नुक़सान पहुँचाना है? क्या इतने गंभीर मामलों में कार्रवाई की मांग अनुशासनहीनता है? महिला पहलवानों के प्रदर्शन को लेकर पीटी उषा के बयान पर कुछ ऐसी ही तीखी प्रतिक्रयाएँ आई हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी तीखे सवाल किए हैं और कहा है कि यौन उत्पीड़न को लेकर अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना राष्ट्र की छवि को धूमिल करना है या फिर उसको नज़रअंदाज़ करना!
पीटी उषा निशाने पर; 'यौन उत्पीड़न की शिकायत से देश की छवि ख़राब कैसे'?
- देश
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- 28 Apr, 2023
यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वाली महिला पहलवानों के ख़िलाफ़ बयान देकर पीटी उषा फँस गई हैं। जानिए, आख़िर क्यों उनके 'देश की छवि ख़राब' वाले बयान की आलोचना हो रही है।

थरूर ने ट्वीट किया है, "प्रिय पीटी उषा, बार-बार होने वाले यौन उत्पीड़न के मामले में अपने साथी खिलाड़ियों के जायज विरोध का अपमान करना आपको शोभा नहीं देता। अपने अधिकारों के लिए उनका खड़ा होना 'राष्ट्र की छवि को धूमिल' नहीं करता है। उनकी चिंताओं को नज़रअंदाज़ करना - उन्हें सुनने के बजाय, उनकी जाँच करना और कार्रवाई कर देना 'राष्ट्र की छवि को धूमिल' करता है।"