यौन उत्पीड़न की शिकायत करना, इसकी जाँच की मांग करना या फिर आरोपी पर कार्रवाई की मांग करना क्या देश की छवि को नुक़सान पहुँचाना है? क्या इतने गंभीर मामलों में कार्रवाई की मांग अनुशासनहीनता है? महिला पहलवानों के प्रदर्शन को लेकर पीटी उषा के बयान पर कुछ ऐसी ही तीखी प्रतिक्रयाएँ आई हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी तीखे सवाल किए हैं और कहा है कि यौन उत्पीड़न को लेकर अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना राष्ट्र की छवि को धूमिल करना है या फिर उसको नज़रअंदाज़ करना!