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बेटी ने नागरिकता क़ानून का विरोध किया तो सौरभ गांगुली को दिक्कत क्यों?

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की बेटी सना ने नागरिकता क़ानून के विरोध में सरकार पर निशाना साधा तो गाँगुली को दिक्कत क्यों होने लगी? क्यों वह सफ़ाई देने आ गए कि सरकार पर हमला करने वाला सना का इन्स्टाग्राम पोस्ट सच नहीं है? क्या उन्हें दो दिन पहले के ही 'सावधान इंडिया' के होस्ट सुशांत सिंह का मामला याद आ गया? नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन में शामिल होने के बाद ख़बर आई कि सुशांत सिंह को शो से निकाल दिया गया है। हालाँकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई कि उन्हें विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने के कारण ही शो से हटाया गया या दूसरे कारणों से, लेकिन सुशांत सिंह की प्रतिक्रिया से संकेत तो ऐसे ही मिलते हैं। 

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तो सौरव गांगुली और उनकी बेटी का मामला क्या है? दरअसल, 18 वर्षीय सना ने खुशवंत सिंह की किताब 'The End of India' का उद्धरण देते हुए नागरिकता क़ानून के विरोध में इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था। लेकिन बाद में इसे हटा लिया गया। इंस्टाग्राम पर उनके 68,000 से ज़्यादा फॉलोअर्स हैं। हालाँकि तब तक लोगों ने इसका स्क्रीनशॉट ट्विटर पर लोगों ने ट्वीट कर दिया। सना ने इस पोस्ट में लिखा था,

'हर फ़ासीवादी शासन को ऐसे समुदायों और समूहों की ज़रूरत होती है, जो ख़ुद को पनपने के लिए उनको डिमोनाइज (दानवीकरण) कर सके। इसकी शुरुआत एक समूह या दो से होती है। लेकिन यह कभी ख़त्म नहीं होता है। घृणा के दम पर तैयार किया गया एक आंदोलन केवल भय और संघर्ष पैदा करके ही ख़ुद को लगातार बनाए रख सकता है। आज हममें से जो लोग सुरक्षित महसूस करते हैं क्योंकि हम मुसलमान या ईसाई नहीं हैं, वे दरअसल मूर्खों के स्वर्ग में रह रहे हैं। संघ पहले से ही वामपंथी इतिहासकारों और ‘पश्चिमी विचारों से प्रभावित’ युवाओं को निशाना बना रहा है। कल यह नफ़रत, स्कर्ट पहनने वाली महिलाओं, मांस खाने वाले लोगों, शराब पीने वालों, विदेशी फ़िल्में देखने वालों पर बरसेगी। यह नफ़रत उनके ख़िलाफ़ भी होगी जो मंदिरों में वार्षिक तीर्थ पर नहीं जाते, दंत मंजन के बजाय टूथपेस्ट उपयोग करते हैं, वैद्य के पास न जाकर एलोपैथिक डॉक्टरों के पास जाते हैं, अभिवादन के लिए जय श्री राम की जगह किस करते हैं या हाथ में हाथ डालते हैं। कोई सुरक्षित नहीं है। हमें यह एहसास होना चाहिए अगर हम भारत को जीवित रखने की आस रखते हैं।’

sourav ganguly daughter sana on citizenship amendment act protest - Satya Hindi
सना गांगुली का पोस्ट।

इस पोस्ट के बाद सौरव ने ट्विटर पर दावा किया कि यह पोस्ट सच नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘कृपया सना को इन सभी मुद्दों से दूर रखें... यह पोस्ट सच नहीं है... वह इतनी छोटी है कि राजनीति के बारे में कुछ भी नहीं जानती।’ उनके इस ट्वीट के बाद कई लोगों ने सौरव का समर्थन किया तो कई लोगों ने आलोचना भी की। कुछ लोगों ने लिखा कि आपको अपनी बेटी पर गर्व होना चाहिए। 

अब सवाल है कि सौरव गांगुली ने कहा कि वह इतनी छोटी है कि राजनीति नहीं जानती, तो क्या 18 साल की उम्र इतनी छोटी होती है कि वह सच में कुछ भी नहीं समझतीं?

'सौरव का दावा ग़लत'

सना के इंस्टाग्राम पोस्ट को 'सच नहीं' बताने वाले गांगुली के इन दावों की पड़ताल फ़ैक्ट चेक करने के लिए जाने जानी वाली वेबसाइट 'ऑल्ट न्यूज़' ने की है। वेबसाइट ने सना के पोस्ट को ट्वीट करने वालों से बातचीत कर इसकी पड़ताल की। पड़ताल के आधार पर वेबसाइट ने गांगुली के 'सच नहीं' वाले बयान को ग़लत बताया है और कहा है कि सना ने जो इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर किया था वह बिल्कुल सही है। बेवबाइट ने बताया है कि इंस्टाग्राम यूज़र को फ़ीचर देता है कि वह कुछ स्टोरी अपलोड करे और 24 घंटे बाद अपने आप डिलिट हो जाए। यही कारण है कि डिलिट होने से पहले अलग-अलग समय पर लिए गए स्क्रीनशॉट ट्विटर पर शेयर किए गए हैं। यह भी कहा जा रहा है कि इंस्टाग्राम पर वेरिफ़ाइड ब्लू टिक प्रोफ़ाइल पेज पर दिखाता है, लेकिन जब आप उस प्रोफ़ाइल द्वारा शेयर की गई स्टोरी पर जाते हैं तो वहाँ पर वह वेरिफ़ाइड ब्लू टिक नहीं दिखता। 
दरअसल गांगुली की ट्विटर पर यह आलोचना इस बात को लेकर थी कि जो उनकी बेटी सना ने विचार रखे इसके लिए सौरव गांगुली को क्यों सफ़ाई देनी पड़ी? क्या सना के नागरिकता क़ानून के विरोध से सौरव गांगुली पर कुछ दबाव पड़ा है?

ऐसा ही मामला 'सावधान इंडिया' के होस्ट और अभिनेता सुशांत सिंह के बारे में आया था। लेकिन इस मामले में हुआ बिलकुल उलट। सुशांत सिंह नागरिकता क़ानून का विरोध कर रहे हैं। वह प्रदर्शन में शामिल होते हैं उसी दिन उनको शो से निकाले जाने की ख़बर दी जाती है। वह 2011 से इस शो का हिस्सा रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ़ कर दिया कि खुलकर बोलने के लिए यह 'छोटी क़ीमत' थी। एक ट्विटर यूज़र के इस सवाल पर कि क्या सच बोलने की क़ीमत उन्हें चुकानी पड़ी, उन्होंने जवाब में लिखा, 'एक बहुत छोटी क़ीमत मेरे दोस्त। नहीं तो आप भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को जवाब कैसे देंगे।' 

सुशांत सिंह ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा था कि मुझे बताया गया कि मेरा कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया गया है। उन्होंने कहा, 'इसके लिए कोई कारण भी नहीं बताया गया। मैं तो इस पर अनुमान भी नहीं लगाना चाहता। यह सिर्फ़ एक कोइन्सीडेंस हो सकता है कि प्रदर्शन में मेरे मौजूद रहने के दिन ही यह हो गया।' उन्होंने कहा था,

...मेरा बड़ा सामान्य सा सिद्धांत है- मैं अपना टैलेंट बेचता हूँ अपना ईमान नहीं। जब मेरे बच्चे बड़े होंगे और मुझसे पूछेंगे कि जब छात्रों को प्रताड़ित किया जा रहा था तब आप कहाँ थे तब मेरे पास उसका उत्तर होना चाहिए।


सुशांत सिंह, अभिनेता

नवजोत सिंह सिद्धू का विवाद

बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू का मामला तब हुआ था जब वह पुलवामा हमले के बाद क्रिकेटर दोस्त और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के बुलावे पर पाकिस्तान गए थे और वहाँ के सेना प्रमुख जनरल बाजवा के गले मिले थे। इस पर जब उनकी आलोचना की गई थी तब पुलवामा में पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन के ‘कायरतापूर्ण’ हमले की कड़ी निंदा करते हुए सिद्धू ने पूछा था कि क्या कुछ लोगों की करतूत के लिए पूरे देश को ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है। माना जाता है कि इस बयान के बाद सिद्धू को कपिल शर्मा के शो से निकाल दिया गया था।

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श्याम रंगीला का विवाद

कॉमेडियन श्याम रंगीला के लाफ्टर शो ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ से निकाले जाने की भी ख़बर आई थी। हालाँकि इस मामले में कारण दूसरा था। तब ख़ुद श्याम रंगीला ने बताया था, ‘मुझे मिमिक्री के लिए ही इस शो से जुड़ने का मौक़ा मिला था और मैंने अपनी पहली प्रस्तुति में मोदी जी और राहुल गाँधी की मिमिक्री की थी। लेकिन चैनल ने मुझे कोई और एक्ट करने के लिए कहा। हाँ, बाद में मुझे बताया गया कि मैं मोदी की मिमिक्री नहीं कर सकता, लेकिन राहुल की कर सकता हूँ|’ फिर उन्होंने बताया कि हालाँकि बाद में राहुल गाँधी की मिमिक्री करने से भी मना कर दिया गया।

ऐसे में जब देश भर में नागरिकता क़ानून का विरोध हो रहा है, सौरव गांगुली की इस सफ़ाई के क्या मायने हैं?

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क़मर वहीद नक़वी
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