कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के बीच देश भर में प्रभावित लाखों छात्रों के लिए क्या सरकार के पास कोई योजना है? पढ़ाई तो कहीं नहीं हो रही है लेकिन कहीं-कहीं परीक्षाएँ ली जा रही हैं और कहीं-कहीं नहीं भी। एक सवाल तो यह है कि जब कोरोना संक्रमण के डर से स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाई नहीं हो सकती तो परीक्षा कैसे ली जा सकती है? और दूसरा सवाल यह है कि जब कुछ संस्थानों में या जॉब वैकेंसी के लिए परीक्षा ली जा सकती है तो ग्रेजुएशन की परीक्षा क्यों नहीं? यह सवाल इसलिए कि ग्रेजुएशन की परीक्षा नहीं होने से लाखों छात्र जॉब के लिए आवेदन करने से वंचित रह जा रहे हैं। अब इस वजह से कितने छात्रों का भविष्य ख़राब होगा, क्या इसकी चिंता विश्वविद्यालयों को है?